Home2011January (Page 3)

शिकागो के ‘विश्व धर्म सम्मेलन’ में ‘भाइयों और बहनों’ के उद्बोधन से एवं अपनी वक्तृत्व- शक्ति के सम्मोहन से मुग्ध करने वाले स्वामी विवेकानंद की अपने देशवासियों से माँग थी कि उन्हें सब देवी-देवताओं को छोड़कर एक भाव भारत माता की पूजा एवं समुन्नती के लिए प्रयत्नशील हो जाना चाहिए|

आनंद रामायण की एक कथा के अनुसार लंका पर चढ़ाई के लिए समुद्र पर बांधे गए पुल की सुरक्षा का भार हनुमानजी को सौंपा गया था। हनुमानजी रात में भगवान राम का ध्यान करते हुए पुल की रक्षा कर रहे थे कि वहां शनिदेव आ पहुंचे और उन्हें व्यंग्यबाणों से परेशान करने लगे।

दो पेड़ अगल-बगल में थे और उनमें गहरी मित्रता थी| जिस जंगल में यह दोनों पेड़ थे उसी जंगल में कुछ खूंखार शेर भी थे| वे प्रायः जानवरों का शिकार करते और बचा-खुचा माँस और हडिड्याँ वहीं छोड़ देते| जिससे वहाँ का वातावरण दूषित हो गया था|

बादशाह अकबर शिकार से लौट रहे थे| हमेशा की तरह बीरबल भी उनके साथ था| लौटते समय अचानक बादशाह अकबर की नजर एक पेड़ पर पड़ी, जिस पर बैठे दो उल्लू आपस में बहस कर रहे थे|