Home2011January (Page 12)

सुंदन वन में एक शेर रहता था| एक दिन भूख के मारे उसका बुरा हाल था| उस दिन उसे आसपास कोई शिकार नहीं मिला था| अभी वह थककर बैठा ही था कि कुछ दूरी पर एक पेड़ के नीचे एक खरगोश का शावक दिखाई दिया| वह पेड़ कि छाया में उछल-कूद रहा था| शेर उसे पकड़ने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ा| खरगोश शावक ने शेर को अपनी ओर आते देखा तो वह जान बचाने के लिया दौड़ा|

एक बार भगवान श्रीकृष्ण बलरामजी के साथ हस्तिनापुर गए। उनके हस्तिनापुर चले जाने के बाद अक्रूर और कृतवर्मा ने शतधन्वा को स्यमंतक मणि छीनने के लिए उकसाया। शतधन्वा बड़े दुष्ट और पापी स्वभाव का मनुष्य था।

शाम के समय बादशाह अकबर और बीरबल महल के बुर्ज पर टहल रहे थे| तभी उन्हें ‘पकड़ो-पकड़ो, चोर-चोर’ आदि की आवाजें सुनाई दीं| पता करने पर मालूम हुआ कि कोई चोर एक परदेसी को महल के सामने से ही लूट कर भाग गया है|