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अहमदनगर के रहनेवाले दामू अण्णा जो बाबा के भक्त थे| इनका वर्णन रामनवमी के उत्सव के प्रसंग में आ चुका है| उनके साथ घटी एक और घटना का वर्णन किया जा रहा है, कि साईं बाबा ने उन पर जाने वाला संकट कैसे टाल दिया?

साईं बाबा भगवद् भजन व ईश्वर चिंतन में विशेष रूप से रुचि रखते थे| बाबा सदैव अपने आत्मस्वरूप में मग्न रहा करते थे| बाबा के होठों पर ‘अल्लाह मालिक’ का उच्चारण सदैव रहता था| बाबा द्वारिकामाई मस्जिद में ‘कीर्तन सप्ताह’ का भी आयोजन किया करते थे| इसी ‘कीर्तन सप्ताह’ को ‘नाम-सप्ताह’ भी कहा जाता था|

सावन मास में शिव चालीसा पढ़ने का अलग ही महत्व है। शिव चालीसा के माध्यम से आप अपने सारे दुखों को भूला कर भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।