HomePosts Tagged "शिक्षाप्रद कथाएँ" (Page 25)

किसी नगर में एक धनवान व्यक्ति रहता था| उसके पास अपार भू-सम्पत्ति थी| परंतु वह बेहद कंजूस था| पदार्थों में सबसे कीमती पदार्थ सोना तो उसे बेहद प्रिय था| सोने की यह प्यास उसमें इतनी बढ़ी कि उसने अपनी जमीन-जायदाद बेचकर सोने के बिस्कुट खरीद लिए|

एक बार एक शिकारी ने एक चमगादड़ को पकड़ लिया| वह उसे मारकर खाने ही चला था कि चमगादड़ चिंचिया कर बोला – “कृपया मेरी जान बख्श दो! मेरे छोटे-छोटे बच्चे घर पर मेरी प्रतीक्षा कर रहे होंगे| मुझ पर दया करो|”

एक बार पक्षियों का एक झुण्ड किसी खेत के ऊपर से उड़ता हुआ जा रहा था| उसी झुण्ड में एक अबाबील भी थी| कहते हैं कि अबाबील एक दूरदर्शी पक्षी है| पक्षियों ने किसान को खेत में बीज बोते देखा|

एक समय की बात है, सूर्य और हवा में यह बहस छिड़ गई कि उन दोनों में कौन अधिक शक्तिशाली है| हवा ने सूर्य से कहा – “मैं तुमसे अधिक शक्तिशाली हूं|”

किसी दम्पति के पास एक अद्भुत मुर्गी थी| ‘अद्भुत’ इसलिए कि वह प्रतिदिन सोने का एक अंडा देती थी| ऐसी जादुई मुर्गी पाकर वे बहुत प्रसन्न थे तथा अपने को भाग्यशाली समझते थे| सोने का अंडा बेच-बेचकर उन्होंने बहुत-सा धन इकट्ठा कर लिया था|

किसी गधे को सिंह की खाल मिल गई| उसने सोचा – ‘अगर मैं इस खाल को ओढ़ लूं तो मजा आ जाएगा! जंगल के सभी जानवर मुझे सिंह समझकर डर जाएंगे|’