HomePosts Tagged "शिक्षाप्रद कथाएँ" (Page 24)

एक बार गांव के कुछ कुत्ते शहर से होकर गुजर रहे थे कि शहरी कुत्तों के एक झुंड ने उन पर हिंसक हमला कर दिया|

एक यात्री किसी गांव की सड़क पर जा रहा था| कड़ाके की ठंड पड़ रही थी| अचानक यात्री ने रास्ते में झाड़ियों के नीचे एक सांप सर्दी से ठिठुरा हुआ देखा| उसका पूरा शरीर ठंड से ऐंठ-सा गया था और वह करीब-करीब मरणासन्न हो रहा था|

एक बार एक विशाल बरगद के पेड़ पर हजारों पक्षी सभा करने के लिए एकत्रित हुए| विषय था – “पक्षियों की रानी कौन हो?”

प्राचीनकाल की बात है| देवताओं के राजा इंद्र ने विवाह करने की ठानी| उन्होंने सोचा कि यह विवाह इतनी आन-बान और शान से होना चाहिए कि युगों-युगों तक उसकी चर्चा होती रहे| ऐसा तभी हो सकता था, जब हर प्राणी उस शादी में शामिल होता और उसे अपनी आंखों से देखता|

एक मादा केकड़े ने अपने बेटे को तिरछा चलता देखकर कहा – “बेटे! तुम इस प्रकार तिरछे चलते समय बिलकुल मुर्ख नजर आते हो| अरे अपनी सीध में क्यों नहीं चलते?”

पुराने जमाने की बात है| किसी गांव में एक गधा रहता था| उसका मालिक उस पर बहुत अधिक बोझ लादता था और आसपास के बाजारों में ले जाकर बेचता था|

बहुत समय पहले की बात है| जंगल का राजा शेर बूढ़ा होकर काल के गाल में समा गया| राजा की मृत्यु के बाद जंगल के सभी जानवरों ने नया राजा चुनने के लिए एक सभा की|राजा बनने के लिए बहुत से जानवर उतावले थे, मगर कोई भी इस पद के योग्य नहीं पाया गया|

एक समय की घटना है कि बहुत बड़ी संख्या में खरगोश एक स्थान पर एकत्रित हुए और उन्होंने अपने कष्टपूर्ण जीवन के विषय में विचार-विमर्श किया|

एक बुद्धिमान लवा पक्षी का परिवार पके धान के खेतों में रहता था| उनका घोंसला बहुत आरामदेह था| परिवार में सभी सदस्यों में अथाह प्रेम था|