HomePosts Tagged "शिक्षाप्रद कथाएँ" (Page 68)

बिल्मा गोल्डी रूडाल्फ के बचपन की घटना है जब वह अपंग थी| एक दिन उसने कक्षा में खेल-खिलाड़ियों के विषय में प्रश्न किया तो कक्षा के बच्चे खिल-खिलाकर हँस पड़े|

दो मित्र थे| वे बड़े ही बहादुर थे| उनमें से एक ने अपने बादशाह के अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई| बादशाह बड़ा ही कठोर और बेरहम था| उसको जब मालूम हुआ तो उसने उस नौजवान को फांसी के तख्ते पर लटका देने की आज्ञा दी|

सुदर्शनचक्र, जो भगवान् विष्णु का अमोघ अस्त्र है और जिसने देवताओं की रक्षा तथा राक्षसों के संहार में अतुलनीय भूमिका का निर्वाह किया है और करता है, क्या है और कैसे भगवान् विष्णु को प्राप्त हुआ-इसकी कथा इस प्रकार है-

राजा वीरसेन को संत-सत्संग अतिप्रिय था। उनके दरबार में प्राय: दूर-दूर से साधु-संत आते थे और वीरसेन उन्हें यथोचित सम्मान देकर उनसे ज्ञान की बातें ग्रहण करते थे। एक दिन उनके राज्य की सीमा पर एक विख्यात संत ने डेरा डाला। राजा वीरसेन को पता चला तो वे स्वयं उसका सत्कार करने पहुंचे।

एक दिन भगवान बुद्ध कहीं जा रहे थे| उनका शिष्य आनंद भी साथ था| वे पैदल चलते-चलते बहुत दूर निकल गए| ज्यादा चलने के कारण वे थक गए थे| रास्ते में आराम करने के लिए वे एक पेड़ के नीचे रुक गए|

‘मुनिप्रवर! आप तो पृथ्वी पर निवास करने वाले श्रेष्ठ ऋषि प्रतीत होते हैं|रसातल में आपके पधारने का क्या कोई विशेष प्रयोजन है?’-महातेजस्वी प्रह्वादने अमित तेजस्वी च्यवन ऋषि का यथायोग्य पूजनकर विनम्रतापूर्वक प्रश्न किया|

एक महात्माजी गांव से गुजर रहे थे। गांव-गांव घूमकर वे अपने शिष्यों के साथ प्रेम और भाईचारे का उपदेश दे रहे थे। इसी प्रकार भ्रमण करते हुए वे ऐसे गांव में पहुंचे, जहां हिंदू-मुस्लिम विवाद चल रहा था। महात्माजी के आने से पूर्व गांव के दोनों समुदायों में खासी मारपीट हो चुकी थी।

यदि आपका मन स्वस्थ है, शक्तिशाली है तो आप अपनी शारीरिक अक्षमता के होते हुए भी कमाल कर सकते हैं| भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी चंद्रशेखर का हाथ पोलियों से पीड़ित हो गया| उसने अपनी हाथ के अक्षमता के बावजूद भी हार नहीं मानी| उसने उसी हाथ से गेंद फेंकने का ऐसा अभ्यास किया कि वह संसार में कुछ श्रेष्ठ फिरकीबाजों, स्पिन गेंद फेंकने वालों में श्रेष्ठतम गिना गया|