लोमड़ी और बकरी – शिक्षाप्रद कथा
एक समय की बात है, एक लोमड़ी घूमते-घूमते एक कुएं के पास पहुंच गई| कुएं की जगत नहीं थी| उधर, लोमड़ी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया| परिणाम यह हुआ कि बेचारी लोमड़ी कुएं में गिर गई|
एक समय की बात है, एक लोमड़ी घूमते-घूमते एक कुएं के पास पहुंच गई| कुएं की जगत नहीं थी| उधर, लोमड़ी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया| परिणाम यह हुआ कि बेचारी लोमड़ी कुएं में गिर गई|
दो मित्र थे – खरगोश और कछुआ| खरगोश अपनी तेज तथा कछुआ अपनी धीमी चाल के लिए प्रसिद्ध था| एक बार दोनों आपस में बातें कर रहे थे| खरगोश कछुए की धीमी गति का मजाक उड़ाने लगा| कछुआ खरगोश की बातें सुनकर चिढ़ गया, मगर फिर भी बोला – “मैं धीमी गति से चलता हूं तो क्या हुआ, यदि हमारी आपसी दौड़ हो जाए तो मैं पराजित कर दूंगा|”
यह किसी तालाब के किनारे की घटना है| एक मेंढ़क का बच्चा पहली बार पानी से बाहर आया| तालाब से कुछ दूर एक भीमकाय सांड़ घास चर रहा था| मेंढ़क के बच्चे ने तो कभी भी इतना भयानक एवं भीमकाय जानवर नहीं देखा था| बेचारा समझ नहीं पा रहा था कि वह है क्या?
एक बार एक छोटा-सा चूहा एक सिंह की मांद में घुस गया| सिंह उसे देखकर बहुत क्रोधित हुआ और गरजकर बोला – “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी आज्ञा के बिना मेरी गुफा में घुसने की? मैं तुम्हें जान से मार दूंगा|”
किसी गांव में एक कुत्ता रहता था| वह झगड़ालू स्वभाव का था| एक दिन की घटना है कि वह एक अस्तबल में घुस गया और चारे की एक नांद पर चढ़ कर बैठ गया| उसे वह स्थान इतना पसंद आया कि वह दिन भर वहीं लेटा रहा|
किसी गांव में एक चरवाहा बालक रहता था| उसे गांवभर की भेड़ें चराने की जिम्मेदारी सौंपी गई| वह भेड़ों को प्रतिदिन पहाड़ी पर स्थित चरागाह में ले जाता और उन्हें चरने के लिए छोड़ देता|
एक समय की बात है, किसी कौए को नदी किनारे एक सीपी पड़ी मिल गई| उसने सोचा, उसे खाकर वह अपना पेट भरेगा| कौआ सीपी पर चोंच मारने लगा| मगर भला सीपी टूटती कैसे| सीपी तो बहुत कठोर होती है|
एक लोमड़ी थी, जो अंगूर खाने की बहुत शौकीन थी| एक बार वह अंगूरों के बाग से गुजर रही थी| चारों ओर स्वादिष्ट अंगूरों के गुच्छे लटक रहे थे| मगर वे सभी लोमड़ी की पहुंच से बाहर थे| अंगूरों को देखकर लोमड़ी के मुंह में बार-बार पानी भर आता था| वह सोचने लगी – ‘वाह! कितने सुंदर और मीठे अंगूर हैं|
एक बार एक बूढ़ा और उसका पुत्र दोनों अपने गधे को साथ लेकर बाजार जा रहे थे| जब वे बाजार में एक स्थान पर खड़े कुछ लोगों के पास से गुजरे तो वे सभी लोग, जिनमें बच्चे भी सम्मिलित थे, हंसने लगे| एक व्यक्ति बोला – “भला इस गधे को बिना बोझ लादे ले जाने से क्या लाभ? अरे तुम दोनों में से एक इस पर बैठ क्यों नहीं जाता?”