HomePosts Tagged "शिक्षाप्रद कथाएँ" (Page 140)

दरबार में एक दिन बीरबल उपस्थित नहीं था, इसलिए कई दरबारी बीरबल की बुराइयां करने लगे| उनमें से चार दरबारी जो बीरबल के खिलाफ कुछ अधिक ही जहर उगल रहे थे, उनसे बादशाह अकबर ने एक सवाल पूछा-“इस संसार में सबसे बड़ी चीज क्या है?”

एक बार एक महात्मा ने एक कहानी सुनाई। उनके दो शिष्य थे। उनमें से एक वृद्ध था, उनका बहुत पुराना और पक्का अनुयायी कड़ी साधना करने वाला एक दिन उसने गुरु से पूछा, ‘‘मुझे मोक्ष या बुद्धत्व की प्राप्ति कब होगी ?’’ गुरु बोले, ‘‘अभी तीन जन्म और लगेंगे।’’

बीरबल दोपहर को खाना खाने के बाद कुछ देर लेटकर आराम करता था| यह उसकी आदत में शुमार था और बादशाह अकबर भी इस बात को जानते थे| एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल से खाने के बाद लेटने का कारण भी पूछा था|

एक जंगल में बरगद के विशाल वृक्ष पर अनेक पक्षियों का बसेरा था| वर्षा का मौसम आने से पूर्व ही सबने अपने-अपने घोंसलों की मरम्मत आदि करके दाना-पानी एकत्र कर लिया था| जंगल के अन्य जीवों ने भी अपना-अपना बंदोबस्त कर लिया था|

एक नगर में जीर्णधन नामक एक बनिया रहता था| उसकी आर्थिक दशा काफ़ी खराब चल रही थी| इसलिए उसने किसी दूसरे बड़े शहर में जाकर अपना भाग्य अजमाने की सोची|

एक बार इंद्र अपने दरबार में सभी देवताओं के साथ बैठे पृथ्वी की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे। पृथ्वी के जीवन, वहां की समस्याओं व मांगों के विषय में सभी अपने-अपने विचार रख रहे थे। इंद्र का आग्रह था कि पृथ्वी के जीवन के विषय में उन्हें सही वस्तुस्थिति का ज्ञान हो जाए तो वे सुधार की दिशा में कुछ सकारात्मक कदम उठाएं।

बादशाह अकबर के मन में विचार आया कि आने वाली पीढ़ी को अपने बारे में जानकारी देने के लिए महाभारत की तर्ज पर शाही महाभारत लिखवाई जाए| इसके लिए उन्हें बीरबल ही उपयुक्त लगा| अत: उन्होंने अपनी इच्छा बीरबल को बता दी|

एक मेमना बहुत ही चंचल स्वभाव का था| उसकी माँ उसे अक्सर समझाया करती थी, ‘बेटा! अकेले इधर-उधर न जाया कर! ज़माना खराब है|’ लेकिन वह अपनी माँ की बात अनसुनी कर देता था|

एक पहाड़ के उन्नत शिखर पर एक बाज रहता था| उसी पहाड़ की तलहटी में बरगद के एक विशाल वृक्ष पर कौए का घोंसला था| वह कौआ बड़ा चालक और धूर्त था| उसका सदैव यही प्रयास रहता कि बिना परिश्रम किए कहीं से कुछ खाने को मिल जाए तो वह अपना पेट भर ले|