कुरु का जन्म
कुरु को कौन नहीं जानता? कुरुवंश के प्रथम पुरुष का नाम कुरु था| कुरु बड़े प्रतापी और बड़े तेजस्वी थे| उन्हीं के नाम पर कुरुवंश की शाखाएं निकलीं और विकसित हुईं| एक से एक प्रतापी और तेजस्वी वीर कुरुवंश में पैदा हो चुके हैं|
कुरु को कौन नहीं जानता? कुरुवंश के प्रथम पुरुष का नाम कुरु था| कुरु बड़े प्रतापी और बड़े तेजस्वी थे| उन्हीं के नाम पर कुरुवंश की शाखाएं निकलीं और विकसित हुईं| एक से एक प्रतापी और तेजस्वी वीर कुरुवंश में पैदा हो चुके हैं|
सर्दी का मौसम था| बादशाह अकबर महल के ऊपरी हिस्से में बैठे हुए सूरज की गरमी ले रहे थे| बीरबल और दूसरे दरबारी विचार-विमर्श कर रहे थे|
स्वामी रामतीर्थ का दैनिक भोजन जमुनोत्री की गुफा में निवास करते हुए चौबीस घंटो में एक बार आलू और मिर्च का आहार था| उन्हें उस भोजन से आजीर्ण की शिकायत हो गई|
एक निर्धन किसान को कहीं से एक मुर्गी मिल गई| वह उस मुर्गी को घर ले आया| उसने यह सोचकर कि आज काफ़ी दिन बाद बढ़िया खाने को मिलेगा, उसे काटने के लिए बड़ा-सा चाकू उठा लिया| जैसे ही वह उस मुर्गी को काटने ले लिए बढ़ा कि मुर्गी बोली, ‘मुझ पर दया करो, मुझे मत मारो|’
राजा उपरिचर एक महान प्रतापी राजा था| वह बड़ा धर्मात्मा और बड़ा सत्यव्रती था| उसने अपने तप से देवराज इंद्र को प्रसन्न करके एक विमान और न सूखने वाली सुंदर माला प्राप्त की थी| वह माला धारण करके, विमान पर बैठकर आकाश में परिभ्रमण किया करता था| उसे आखेट का बड़ा चाव था| वह प्राय: वनों में आखेट के लिए जाया करता था|
दिल्ली में एक विद्वान पंडित रहते थे| उनका दरबार में बहुत सम्मान था| पंडितजी बिना सोचे-समझे किसी काम में हाथ नहीं डालते थे और जो वह कह देते उसका पालन करते|
एक समय स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न को लेकर सभी देवताओं में वाद-विवाद प्रारम्भ हुआ और फिर परस्पर भयंकर युद्ध की स्थिति बन गई। सभी देवता देवराज इंद्र के पास पहुंचे और बोले, हे देवराज! आपको निर्णय करना होगा कि नौ ग्रहों में सबसे बड़ा कौन है? देवताओं का प्रश्न सुनकर देवराज इंद्र उलझन में पड़ गए। और कुछ देर सोच कर बोले, हे देवगणों! मैं इस प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थ हूं। पृथ्वीलोक में उज्ज्यिनी नगरी में राजा विक्रमादित्य का राज्य है। हम राजा विक्रमादित्य के पास चलते हैं क्योंकि वह न्याय करने में अत्यंत लोकप्रिय हैं। उनके सिंहासन में अवश्य ही कोई जादू है कि उस पर बैठकर राजा विक्रमादित्य दूध का दूध और पानी का पानी अलग करने का न्याय करते हैं।
एक महाजन ने चित्रकार से अपना चित्र बनवाया| बड़ी मेहनत के बाद जब चित्र तैयार हुआ तो महाजन ने चित्रकार से कहा कि ठीक से नहीं बना है, दुबारा बनाकर लाए| चित्रकार दुबारा चित्र बनाकर लाया किंतु इस बार फिर महाजन ने पहले वाली हरकत की और चित्रकार को फिर से चित्र बनाने को कहा|
प्राचीनकाल की बात है| उस समय जानवरों का कोई राजा नही था| इसी बात को लेकर अक्सर पशु और पक्षियों में झगड़ा भी हो जाता था| जहाँ कुछ जानवर शेर को राजा बनाने की पेशकश करते, वहीं पक्षी बाज के नाम को आगे बढ़ाते| लेकिन सहमति न होने के कारण हमेशा लड़ाई-झगड़े की नौबत आ जाती थी|
प्राचीन समय की घटना है| गजनी के बादशाह मुहम्मद गोरी ने भारत पर हमला किया था| उन दिनों देश में कोई केंद्रीय सत्ता मजबूत नहीं थी|