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प्राचीन भारत में पुत्रेष्टि यज्ञ के द्वारा तेजस्वी पुत्र प्राप्त करने की प्रथा थी| जब किसी बहुत बड़े नृपति को संतान का अभाव दुख देता था, तो वह ऋषियों और महात्माओं के द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ कराता था| यज्ञ के कुंड से हवि बाहर निकलती थी| उस हवि को खाने से मनचाहे पुत्र की प्राप्ति होती थी| पांचाल देश के नृपति के कई पुत्र थे, फिर भी उन्होंने तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए पुतेष्टि यज्ञ कराया था| उन्होंने पुत्र होने पर भी पुतेष्टि यज्ञ क्यों कराया था – इस बात को नीचे की कहानी में जानिए –

दरबारियों की चुगलखोरी से परेशान होकर बीरबल अज्ञातवास पर चला गया| बादशाह अकबर ने उसकी बहुत खोज करवाई किन्तु नहीं मिला| उन्हें इतना तो यकीन था कि वह आसपास के किसी गांव में छिपकर रह रहा है, किन्तु कहां… यह पता नहीं चल पा रहा था|

संध्या के पूर्व का समय था| एकचक्रा नगर के एक मकान के एक कमरे में सात मनुष्य बैठे हुए परस्पर वार्तालाप कर रहे थे| मकान उस ब्राह्मण का था, जिसके घर में पांडव अपनी मां कुंती के साथ टिके हुए थे|

बादशाह अकबर को अपनी फौज के लिए कुछ जिरहबख्तर की आवश्यकता थी| अत: उन्होंने इसके कारीगर को बुलवाया और पहले एक जिरहबख्तर बनाने का आदेश दिया ताकि उसकी मजबूती को परखा जा सके|

पाण्डव अपनी मां कुंती के साथ इधर से उधर भ्रमण कर रहे थे| वे ब्राह्मणों का वेश धारण किए हुए थे| भिक्षा मांगकर खाते थे और रात में वृक्ष के नीचे सो जाया करते थे| भाग्य और समय की यह कैसी अद्भुत लीला है| जो पांडव हस्तिनापुर राज्य के भागीदार हैं और जो सारे जगत को अपनी मुट्ठी में करने में समर्थ हैं, उन्हीं को आज भिक्षा पर जीवन-यापन करना पड़ रहा है|

बीरबल को तम्बाकू खाने का शौक था, किंतु बादशाह अकबर को यह पसंद न था| एक दिन बादशाह अकबर तथा बीरबल सैर कर रहे थे| वहीं एक गधा भी चर रहा था|

बर्बरीक भीमसेन का पोता और उनके पुत्र घटोत्कच का पुत्र था| इसकी माता मौवीं थीं, जिसे शस्त्र, शास्त्र तथा बुद्धि द्वारा पराजित कर घटोत्कच ने ब्याहा था| बर्बरीक बड़ा वीर था, इसने एक बार भीमसेन को अत्यंत साधारण युद्ध-कौशल से पराजित कर दिया था|

बादशाह अकबर, उनकी बेगम तथा बीरबल तीनों बाग में बैठे आम खा रहे थे| बादशाह अकबर को मजाक सूझा और वे आम खाकर उसके छिलके व गुठलियां बेगम की तरफ फेंकने लगे|

बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा – “जिन लोगों के नाम अथवा उपनाम के अन्त में वान या बान लगा होता है वे लोग आमतौर पर कोई छोटा काम करने वाले ही होते हैं – जैसे दरबान,कोचवान आदि| तुम्हारा क्या विचार है इस बारे में बीरबल?”