HomePosts Tagged "शिक्षाप्रद कथाएँ" (Page 10)

बहुत समय पहले फारस में एक बादशाह था| वह बहुत ही न्यायप्रिय एवं प्रजापालक था| इसी कारण उसकी प्रजा उसे बहुत चाहती थी|

एक लड़का बड़ा दुष्ट था| वह चाहे जिसे गाली देकर भाग खड़ा होता| एक दिन एक साधु बाबा एक बरगद के नीचे बैठे थे| लड़का आया और गाली देकर भागा|

एक बार एक देवता पर ब्रह्माजी प्रसन्न हो गये| उस देवता को महर्षि दुर्वासा ने शाप दे दिया था कि ‘तू अब देवता नहीं रहेगा|’ देवता ने कहा – ‘न सही देवता|

एक पुराना मन्दिर था| दरारें पड़ी थीं| खूब जोर से वर्षा हुई और हवा चली| मन्दिर बहुत-सा भाग लड़खड़ा कर गिर पड़ा| उस दिन एक साधु वर्षा में उस मन्दिर में आकर ठहरे थे|

एक ग्राम में एक लड़का रहता था| उसके पिता ने उसे पढ़ने काशी भेज दिया| उसने पढ़ने में परिश्रम किया| ब्राह्मण का लड़का था, बुद्धि तेज थी|

विलायत में अकाल पड़ गया| लोग भूखे मरने लगे| एक छोटे नगर में एक धनी दयालु पुरुष थे| उन्होंने सब छोटे लड़कों को प्रतिदिन एक रोटी देने की घोषणा कर दी|