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गांवों में पपीते का पेड़ घर-घर में देखने को मिल जाता है| पपीते का फल लम्बा होता है| कच्चे पपीते के दूध से ‘पेपन’ नामक पदार्थ बनाया जाता है| पपीते का फल, बीज और पत्ते विभिन्न प्रकार के रोगों में काम आते हैं|

पान अत्यन्त चरपरा, कटु, क्षारयुक्त एवं मधुर होता है| इसकी उपस्थिति में वात, कफ एवं कृमियों को विदा लेनी पड़ती है| मुंह की दुर्गन्ध को यह दूर करता है| बाजीकरण है, धारण-शक्ति एवं काम-शक्ति को बढ़ाता है| यह जितना पुराना होता है, उतना ही श्रेष्ठ माना जाता है| पान खाने से शारीरिक एवं मानसिक थकान दूर हो जाती है| पान के चबाने एवं चूसने पर लार की मात्रा अधिक निकलती है, जिससे पाचन-क्रिया में सहायता मिलती है| इससे प्यास और भूख भी शान्त हो जाती है तथा निम्न रोगों में भी यह बहुत लाभकारी है|

ग्वार, लेग्युमिनेसी कुल की, खरीफ ऋतु में उगाई जाने वाली एकवर्षीय फसल है। पशुओं को ग्वार खिलाने से उनमें ताकत आती है तथा दूधारू पशुओं कि दूध देने की क्षमता में बढोतरी होती है। ग्वार फली से स्वादिष्ट तरकारी बनाई जाती है। ग्वार फली को आलू के साथ प्याज में छोंक लगाकर खाने पर यह बहुत स्वाद लगती है तथा अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर भी बनाया जाता है जैसे दाल में, सूप बनाने में पुलाव इत्यादि में।

यह रक्त, मांस, मेद तथा धातुवर्धक होती है| यह ओजकारक, रुचिकारक और तृप्तिदायक भी है| इसका नियमित सेवन हृदय के लिए भी अच्छा है| इससे प्यास दूर होकर शांति मिलती है| भोजन में इसका सेवन आवश्यक है| दस्त न रुकने पर शरीर से बहुत-सा पानी निकल जाने पर, शक्कर में थोड़ा-सा नमक मिलाकर पानी का सेवन करने से पानी की पूर्ति हो जाती है और जीवन बच जाता है| शक्कर के शरबत में नींबू का रस मिलाने से वो अधिक गुणकारी हो जाता है| आंखों की दुर्बलता दूर करने में भी यह उत्तम है|

इस विश्व-विख्यात फल की पैदावार विशेषकर पहाड़ी प्रदेशों में होती है| मुख्यत: यह हरा, पीला, लाल और सफेद रंग का होता है| इसका स्वाद मीठा होता है और इसकी तासीर ठंडी होती है|

आर्द्रक अर्थात् अदरक का अर्थ है – नमी की रक्षा करने वाली गुणकारी प्राकृतिक जड़ी| यही अदरक सूखने के बाद सोंठ बन जाती है| इसमें जितना जल होता है, उतनी ही उष्णता भी होती है|

इनका रस और विपाक कटु होता है| शीतवीर्य, मधुर, रुचिकर एवं सुगंधित है| इसी कारण यह मन को प्रफुल्लित कर देती है तथा वायु को विलीन कर, छाती, कंठ एवं आमाशय के द्रव को सुखाती है| मस्तिष्क, हृदय एवं उदर को बलशाली बनाती है| मुंह की दुर्गन्ध, मूत्र की रुकावट व पेट के अफारे को दूर करती है| आमाशय के दोषों को दूर करती है और डकारें लाकर भूख पैदा करती है| प्राय: सभी औषधि निर्माण कार्यों में यह प्रभावशाली है|

लीची उत्तम स्वास्थ्यवर्धक फल है| पकी लीची अत्यंत स्वादिष्ट और खाने में मीठी, रसीली होती है, जबकि कच्ची लीची खाने में खट्टी प्रतीत होती है| रासयनिक दृष्टि-से लीची में शर्करा, वसा और प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं| साथ ही इसमें आयरन (लोहा) भी विद्यमान है, जो नया रक्त बनाने में अग्रणी है| स्वास्थ्य की दृष्टि-से लीची एक उत्तम फल है|

खस या खसखस एक सुगंधित पौधा है। खसखस का इस्तेमाल सब्जी की ग्रेवी और सर्दी के दिनों में स्वादिष्ट हलवा बनाने के लिए किया जाता है। आइए जानें खसखस के स्वास्थ्य लाभ में से कुछ लाभों के बारे में|

फालसा दक्षिणी एशिया में भारत, पाकिस्तान से कम्बोडिया तक के क्षेत्र मूल का फल है। यह आपको गर्मी से तो राहत दिलाएगा ही, शरीर के लिए भी काफी पौष्टिक  है। गर्मियों के सबसे लोकप्रिय फलों की सूची में फालसा प्रमुखता से शामिल है। अपने लाजवाब स्वाद के कारण फालसा हर किसी का पसंदीदा फल है।