साईं बाबा का आशीर्वाद – श्री साईं कथा व लीला
सुबह-सुबह इंस्पेक्टर गोपालराव अपने दरवाजे पर खड़े थे कि गांव का एक मेहतर अपनी पत्नी के साथ उनके घर के आगे से निकला| जैसे ही उन दोनों की दृष्टि उन पर पड़ी, मेहतरानी अपने पति से बोली – “घर से निकलते ही किस निपूते का मुंह देखा है| पता नहीं हम सही से पहुंच भी पायेंगे या नहीं ? आज रहने दो, कल चलेंगे| मुंह अंधेरे ही निकलेंगे जिससे निपूते का मुंह न देखना पड़े|”