अध्याय 68
1 [धृ]
भूयॊ मे पुण्डरीकाक्षं संजयाचक्ष्व पृच्छते
नाम कर्मार्थवित तात पराप्नुयां पुरुषॊत्तमम
1 [धृ]
भूयॊ मे पुण्डरीकाक्षं संजयाचक्ष्व पृच्छते
नाम कर्मार्थवित तात पराप्नुयां पुरुषॊत्तमम
1 [भगवान]
भावं जिज्ञासमानॊ ऽहं परणयाद इदम अब्रुवम
न चाक्षेपान न पाण्डित्यान न करॊधान न विवक्षया