Homeपरमार्थी साखियाँजहाँ आसा तहाँ बासा

जहाँ आसा तहाँ बासा

कहा जाता है कि कबीर साहिब जब बाहर जाया करते थे तो एक आदमी उन्हें अक्सर खेत में बैठा मिलता था| एक दिन कबीर साहिब ने उससे कहा कि ख़ाली बैठे रहते हो, परमात्मा का भजन किया कर, जिससे तुझे फ़ायदा होगा| कहने लगा कि अभी बच्चे छोटे-छोटे हैं, जवान हो जायें और अपने पैरों पर खड़े हो जायें, फिर भजन करूँगा| जब बच्चे जवान हो गये, कबीर साहिब फिर मिले और कहा कि भजन किया कर, तो बोला कि इनकी शादी हो जाये फिर भजन करूँगा| जब शादी हो गयी तब कबीर साहिब ने कहा, अब बता! जवाब दिया, पोतों की ख़ुशियाँ देख लूँ| पोते भी हुए, कबीर साहिब फिर मिले, और कहा अब तो भजन करो| कहने लगा कि पोते छोटे-छोटे हैं, जवान हो जायें फिर भजन करूँगा| जब पोते जवान हो गये तो कबीर साहिब ने फिर पूछा| बोला, ये लापरवाह हैं| रात को सो जाते हैं, अगर मैं न जागूँ तो चोरी हो जायेगी| कुछ समय बाद कबीर साहिब फिर वहाँ गुज़रे तो बाबा नज़र न आया| पूछा कि बाबा कहाँ है? बेटों और पोतों ने कहा कि वह तो मर गया है|

कबीर साहिब ने कहा कि बहुत अफ़सोस की बात है| बेचारे ग़रीब आदमी ने अपना सारा जीवन व्यर्थ ही गँवा दिया| यदि वह थोड़े समय के लिए भी परमात्मा की भक्ति करता तो दुनिया के जंजाल से बच जाता| फिर कबीर साहिब ने अन्तर्ध्यान होकर देखा कि घर में दुधारु पशुओं के साथ उसकी बहुत मुहब्बत थी| गाय, भैंस पालता था| एक गाय के साथ उसका विशेष लगाव था| जब मरा तो उस गाय के पेट में बछड़ा बनकर आया| बछड़ा बड़ा होकर जब बैल बना तो उसे हल में जोत दिया गया| सारी उम्र हल में जुता रहा| आख़िर बूढ़ा हो गया| जब उनके काम का न रहा तो उन्होंने उसे गाड़ीवान को बेच दिया| उसने भी कुछ साल गाड़ी में जोता| जब उसके काम का न रहा तो उसने तेली को दे दिया, जिसने उसे काफ़ी समय कोल्हू में जोता| फिर जब उसके काम का भी न रहा तो उसने क़साई को दे दिया| क़साई ने मारकर उसका मांस बेच दिया, बाक़ी चमड़ा नक्कारेवाले ले गये| क़साई ने मारकर उसका मांस बेच दिया, बाक़ी चमड़ा नक़्क़ारेवाले ले गये| उन्होंने नक़्क़ारे पर मढ़ा लिया, अब खूब डण्डे पड़ते हैं| यह देखकर कबीर साहिब ने कहाः

बैल बने हल में जुते, ले गाड़ी में दीन|
तेली के कोल्हू रहे, पुनि घेर कसाई लीन||
माँस कटा बोटी बिकी, चमड़न मढ़ी नकार|
कुछेक कर्म बाकी रहे, तिस पर पड़ती मार||

 

जब तक आकाश और पृथ्वी टल न जायें, तब तक व्यवस्था से
एक मात्रा या एक बिन्दू भी बिना पूरा हुए नहीं टलेगा| (सेंट मैथ्यू)

FOLLOW US ON:
मन के खे