Homeपरमार्थी साखियाँचोरियों की सूची

चोरियों की सूची

एक बार गुरु गोबिन्द सिंह जी चोरों के एक गाँव में गये और वहाँ के लोगों से कहा कि आप यह काम छोड़ दो| उन्होंने जवाब दिया कि यह नहीं छूट सकता क्योंकि हम और कुछ करना जानते ही नहीं और इसी से हमारी रोज़ी चलती है| गुरु साहिब ने उनकी तरफ़ रहमत की नज़र से देखा और कहा, “अच्छा, चोरी करो लेकिन सूची बनाते जाओ कि इतनी बार की है और साल बाद मुझे सारी सूची दिखा दिया करना|” उन्होंने ऐसा करना मान लिया| अब जब सूची बनती गयी तो शर्म आने लगी| कहने लगे कि अगर चोरी न करते तो सूची भी न बनती| उन्होंने फ़ैसला किया कि अब न चोरी करेंगे और न सूची बनेगी| धीरे-धीरे सबने चोरी करनी छोड़ दी और हक़-हलाल की कमाई करने लगे|

सन्त युक्ति से जीवों को सीधे रास्ते पर ले आते हैं|

हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूँ; और जब तक ये आपत्तियाँ निकल ना जायें, तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिये रहूँगा| (साम्ज़)

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