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पेट दर्द के 20 घरेलु उपचार – 20 Homemade Remedies for Stomachache

पेट का दर्द छोटे-बड़े सभी को होता है| अधिकांश लोगों को भोजन करने के उपरांत पेट दर्द होता है, जबकि कुछ लोगों को भोजन से पहले यह पीड़ा होती है|

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दोनों ही प्रकार का पेट दर्द अनियमित खान-पान, प्रदूषित आहार-विहार तथा शीघ्रतापूर्वक भोजन करने के कारण उत्पन्न होता है| अत: उपचार के साथ-साथ उपरोक्त विषय में भी सावधानी बरतनी चाहिए|

 

पेट दर्द के 20 घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं:

1. हरड़ और गरम पानी

हरड़ को घी में भूनें| फिर उसे पीसकर चूर्ण बना लें| इसमें से दो चुटकी चूर्ण गरम पानी से सेवक करें| अपान वायु छूटने के बाद पेट का दर्द ठीक हो जाएगा|


2. अदरक और शहद

एक चमच्च अदरक का रस और थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाटें|


3. नीबू, काला नमक, कालीमिर्च और जीरा

नीबू के रस में एक चुटकी काला नमक, पिसी हुई थोड़ी-सी कालीमिर्च और पिसा हुआ जरा-सा जीरा मिलाकर बूंद-बूंद रस का सेवन करें|


4. जीरा

आधा चम्मच जीरा पीस लें| फिर उसमें जरा-सा शुद्ध शहद मिलाकर धीरे-धीरे चाटें|


5. अजवायन और काला नमक

एक चम्मच अजवायन, एक चुटकी हींग और दो चुटकी काला नमक – सबको मिलाकर फंकी मारें| ऊपर से गरम पानी पी लें|


6. पुदीना, शक्कर और नमक

सूखा पुदीना पानी में घोलकर उसमें जरा-सी शक्कर और एक चुटकी नमक मिलाकर सेवन करें|


7. सोंठ

आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ, एक चुटकी सेंधा नमक, एक चुटकी काला नमक तथा जरा-सी हींग – सबको पानी में घोलकर गुनगुना करके पिएं|


8. दालचीनी और हींग

दालचीनी और जरा-सी हींग मिलाकर पीस लें| फिर इसे थोड़े से पानी में घोलकर पी जाएं|


9. लाल मिर्च

आधी चुटकी पिसी हुई लाल मिर्च को गुड़ में मिलाकर खाने से भी पेट का दर्द रुक जाता है|


 10. शहद और जीरा

थोड़े से जीरे को सूखे तवे पर भून लें| फिर उसे पीसकर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर सेवक करें|


11. सौंफ और सेंध नमक

सौंफ में सेंध नमक मिलाकर खाने से भी पेट का दर्द रुक जाता है|


12. तुलसी और अदरक

एक चम्मच तुलसी का रस और एक चम्मच अदरक का रस गरम करके पीने से पेट के दर्द में काफी लाभ होता है|


13. अमरूद

अमरूद की थोड़ी-सी नई पत्तियों को लेकर पीस लें| फिर उनको पानी में घोलकर सेवन करें|


14. लहसुन और काला नमक

आधा चम्मच लहसुन का रस लेकर उसमें एक चुटकी काला नमक मिला लें| इसे धीरे-धीरे पीने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है|


15. मूली, कालीमिर्च और नमक

मूली के दो चम्मच रस में चार दाने कालीमिर्च पीसकर मिला दें| फिर इसमें एक चुटकी नमक मिलाकर सेवक करें|


 16. प्याज और कालीमिर्च

अफरा होने पर प्याज के रस में कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर पिएं|


17. अजवायन

अजवायन का चूर्ण पानी में घोलकर पेट पर मलने से अपान वायु निकाल जाती हैं|


18. जामुन

पके हुए जामुन का शरबत पीने से पेट का दर्द रुक जाता है|


19. खरबूजा और काला नमक

खरबूजे के छिलके को जलाकर भस्म बना लें| इसमें जरा-सा काला नमक मिलाकर सेवन करें|


20. लौंग

एक चुटकी लौंग का चूर्ण पानी में घोलकर पीने से गैस बाहर निकल जाएगी| इससे पेट का दर्द ठीक हो जाएगा|


पेट दर्द में क्या खाएं क्या नहीं

पेट का दर्द मनुष्य को बेहाल कर देता है| इसलिए इसकी तुरन्त चिकित्सा की जानी चाहिए| इसके साथ ही भोजन सादा और सुपाच्य किन्तु पौष्टिक करें| साग-सब्जी, फल तथा रेशेदार पदार्थों का सेवन करने से भी पेट हल्का रहता है| गेहूं के आते से चोकर न छानें| उसमें बाहर से थोड़ा-सा चोकर और मिला लें| फिर उसकी चपाती बनवाकर खाएं| रोटी का प्रत्येक कौर अच्छी तरह चबाएं| कौर के साथ मुंह से जितनी अधिक लार पेट में जाएगी, भोजन उतनी ही शीघ्रता से पचेगा|

भोजन के साथ पानी न पीकर पूर्ण भोजन के कम से कम एक घंटा बाद पानी पिएं| भोजन के साथ पानी पीने से अपच रहता है| साथ ही मिर्च, मसाले गरिष्ठ भोजन, मांस, मछली, अंडा आदि न खाएं| दिनभर में जितना अधिक पानी पी सकते हैं, अवश्य पिएं| रात को सोने से पूर्व ईसबगोल की भूसी दूध के साथ सेवन करें| रात को भोजन करने के बाद थोड़ी देर तक अवश्य टहलें|

 

पेट दर्द का कारण

भोजन ठीक से न पचने, कब्ज, बार-बार दस्त आने तथा पाकस्थली में विकार उत्पन्न होने से पेट में दर्द हो जाता है| कई बार देखा गया है कि पेट में बड़ी तीव्रता से दर्द उठता है| यह आमाशय की बीमारी, पेष्टिक अल्सर, छोटी-बड़ी आंतों के रोग, यकृत तथा पित्ताशय के रोग, गुर्दे के रोग, वायु का अधिक बनना आदि की वजह से होता है| कब्ज तथा अपच में उलटी भी हो जाती है जिसके साथ ही दर्द उठता है|

 

पेट दर्द की पहचान

पेट में भारीपन मालूम पड़ता है| सुई चुभने जैसी पीड़ा होती है| अपान वायु तथा मल रुक जाते हैं| कई बार पेट का दर्द भयंकर रूप धारण कर लेता है जिसके कारण अत्यधिक बेचैनी होती है| अपच, अजीर्ण, कब्ज, दस्त, बुखार, जी मिचलाना, उल्टियां आदि होने लगती हैं|

NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।

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