खांसी के 29 घरेलु उपचार – 29 Homemade Remedies for Cough
खांसी अपने आप में कोई रोग नहीं नहीं वरन् यह दूसरे रोगों का लक्षण मात्र है| खांसी पांच प्रकार की होती है – तीन प्रकार की खांसी वात, पित्त और कफ के बिगड़ने से, चौथी कीड़ों में उत्पन्न होने से और पांचवीं टी.बी. रोग से|
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यदि खांसी का इलाज समय पर नहीं किया जाता तो यह जीर्ण या स्थायी बन जाती है| सूखी खांसी में दूध-घी के सेवन से कोई हर्ज नहीं है किन्तु यदि बलगमी खांसी है तो कफ बनाने वाली चीजें खानी चाहिए| यदि खांसी के साथ कब्ज भी हो तो सबसे पहले उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए| इसके लिए पेट साफ़ करने वाली दवा ली जा सकती है| सनाय की पत्तियों का चूर्ण पेट साफ करने के लिए देती थीं| एरंड का तेल भी पेट साफ कर देता है|
खांसी के 29 घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं:
1. अदरक और शहद
अदरक को कुचलकर एक चम्मच रस निकाल लें| फिर उसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर सुबह-शाम चाटने से हर प्रकार की खांसी में आराम मिलता है|
2. आंवला और शहद
एक चम्मच आंवले के चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से भी खांसी में लाभ होता है|
3. मौसमी, जीरा, सोंठ और गरम पानी
चार चम्मच मौसमी के रस में आधा कप गरम पानी मिलाएं| फिर उसमें जीरा तथा सोंठ का चूर्ण आधा-आधा चम्मच मिलाकर पी जाएं|
4. मक्का, सेंधा नमक और गरम पानी
मक्के का भुट्टा जलाकर उसकी राख पीस लें| फिर उसमें जरा-सा सेंधा नमक मिलाएं| उसे रोज आधे चम्मच की मात्रा में गरम पानी के साथ दिन में चार बार लें|
5. नीम और शहद
नीम की पत्तियों को सुखाकर चूर्ण बना लें| चौथाई चम्मच चूर्ण शहद के साथ सेवन करें|
6. पीपल और शहद
पीपल के पेड़ के तने की छाल सुखाकर पीस लें| फिर आधा चम्मच चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटें|
7. लहसुन और शहद
लहसुन का रस आधा चम्मच शहद के साथ सेवन करें|
8. देशी घी और सेंधा नमक
देशी घी में सेंधा नमक मिलाकर छाती पर धीरे-धीरे मलें| सारा बलगम निकल जाएगा|
9. दूध, खांड़ और पीपल
सूखी खांसी दूर करने के लिए दूध में पांच पीपल का चूर्ण डालकर गरम करें| फिर उसमें खांड़ डालकर सुबह-शाम पिएं| यह कुकुर खांसी के लिए भी उपयोगी नुस्खा है|
10. गेहूं और पानी
चार चम्मच गेहूं की छानन एक कप पानी में औटाएं| आधा कप रह जाने पर छानकर पी लें|
11. अनार, लौंग और शहद
अनार का छिलका सुखाकर पीस लें| इसमें लौंग का चूर्ण आधा चम्मच मिलाएं| नुस्खे को आधे चम्मच की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम चाटें|
12. चना, फिटकिरी और गरम पानी
चने की दाल के बराबर फिटकिरी का सेवन गरम पानी से नित्य दो बार करने पर कुकुर खांसी जाती रहती है|
13. कालीमिर्च, अदरक, तुलसी और लौंग
कालीमिर्च, अदरक, तुलसी के पत्ते तथा लौंग की चाय बनाकर सुबह-शाम पिएं| इससे खांसी, सर्दी, जुकाम व सिर का दर्द ठीक हो जाता है|
14. पान और अजवायन
सादे पान के पत्ते पर चौथाई चम्मच अजवायन रखकर पान को धीरे-धीरे चूसें| अवश्य लाभ होगा|
15. इलायची और शहद
छोटी इलायची भूनकर चूर्ण बना लें| दो रत्ती चूर्ण शहद के साथ लें|
16. मकोय
मकोय का साग पकाकर खाने से कुछ दिनों में खांसी चली जाती है|
17. ग्वारपाठा, कालीमिर्च, सोंठ और शहद
ग्वारपाठे का रस आधा चम्मच, चौथाई चम्मच पिसी हुई कालीमिर्च तथा चौथाई चम्मच सोंठ – सबको शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटें|
18. हल्दी, पानी और नमक
आधा चम्मच पिसी हुई हल्दी को पानी में डालकर उबाल लें| फिर आधा कप उक्त पानी में जरा-सा नमक डालकर सेवन करें|
19. सरसों
गुदा में दिन में चार बार सरसों का तेल लगाने से खांसी ठीक होती है|
20. आम और शहद
आम की गुठलियों का रेशा जलाकर भस्म बना लें| एक चम्मच भस्म शहद में मिलकर कुछ दिनों तक सुबह-शाम सेवन करें|
21. केला और शहद
केले के पत्तों को सुखाकर भस्म बना लें| आधा चम्मच की मात्रा में वह भस्म शहद के साथ सेवन करें|
22. कालीमिर्च, मुलहठी और गुड़
5 ग्राम कालीमिर्च और 5 ग्राम मुलहठी – दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें| इस चूर्ण को गुड़ में मिलाकर खाएं|
23. लौंग और पानी
चार लौंगो को आधा कप पानी में उबालें| जब पानी चौथाई कप रह जाए तो छानकर सुबह-शाम पिएं|
24. खजूर
खजूर खाने से सूखी खांसी दूर हो जाती है|
25. अमरूद और शहद
अमरूद के पत्तों को जलाकर भस्म बना लें| चौथाई चम्मच भस्म शहद में मिलाकर दिन में तीन बार चाटें|
26. बबूल
बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी गायब हो जाती है|
27. कपूर और गुड़
एक रत्ती कपूर को गुड़ में मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें|
28. शलजम
पुरानी खांसी दूर करने के लिए शलजम की सब्जी कुछ दिनों तक सुबह-शाम लगातार खाएं|
29. बकरी दूध और हल्दी
बकरी के दूध में एक चम्मच पिसी हल्दी मिलाकर सुबह-शाम पिएं|
खांसी में क्या खाएं क्या नहीं
खांसी के रोग में ठंडे एवं कड़वे पदार्थ जैसे मेथी, करेला, नीबू, सेब आदि न खाएं| खीर, मक्का की रोटी, चावल, चने, लोबिया आदि का सेवन भी न करें| अनार, संतरा, नाशपाती आदि भी नहीं खाना चाहिए| वैसे कुछ ठंडी चीजों में पपीता, आंवले का रस (बहुत कम मात्रा में), प्याज का रस, लहसुन, मुरब्बा, गुलकंद आदि लाभकारी हैं|
सामान्य रूप से मसूर व अरहर की दाल, चपाती, शलजम, गाजर, चाय आदि लेनी चाहिए| भूख से एक रोटी कम खाएं| दिनभर गुनगुना पानी पिएं| दूध, दही, रबड़ी, बंगाली या खोए की मिठाई नहीं खानी चाहिए| मांस, मछली, अंडा आदि से भी परहेज रखें| भोजन पौष्टिक तथा सुपाच्य होना चाहिए| रात को सोते समय पैर के तलवों पर सरसों का तेल मलें| इससे नींद भी अच्छी जाएगी और खांसी में भी आराम मिलेगा|
खांसी का कारण
खांसी का रोग प्राय: सर्दी, न्यूमोनिया, तपेदिक (टी.बी.), दमा, ब्रोंकाइटिस तथा जिगर की खराबी से हो जाता है| वायु नली में कब्ज या ठंडी हवा लगने आदि के कारण कफ बन जाता है| धुआं, धूल आदि के गले में चले जाने से भी स्नायुओं में गड़बड़ी हो जाती है और खांसी बन जाती है| यह रोग गले तथा फेफड़ों के विकारों से होता है| ठंड लगने पर पहले जुकाम की शिकायत होती है और जुकाम निकलते ही खांसी को दौर शुरू हो जाता है| छाती में जमा कफ बाहर निकालने के लिए खांसना पड़ता है|
खांसी की पहचान
सूखी खांसी में कफ नहीं निकलता| इसमें रोगी की छाती पर जकड़न होती है| लेकिन यदि खांसी तर है तो खांसने के बाद बलगम निकलता है| जब तक बलगम या कफ बाहर नहीं निकल जाता, तक तक चैन नहीं मिलता| यदि खांसी की अवधि लम्बी रहती है तो उसे काली खांसी कहते हैं|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
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