श्री लक्ष्मी जी की आरती – Shri Laxmi Ji Ki Aarti
आज के वर्तमान युग में धन और वैभव के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा माना जाता है| यही कारण है कि कलयुग में माता लक्ष्मी जी को सबसे ज्यादा पूजा जाता है| इसी कारण इन्हें धन और समृद्धि की साक्षात् देवी माना जाता है| देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कुछ आसान मन्त्र इस से प्रकार हैं|
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श्री लक्ष्मी जी की आरती इस प्रकार है:
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता |
तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता || जय
ब्रह्माणी रूद्राणी कमला, तू हि है जगमाता |
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता || जय
दुर्गा रूप निरंजन, सुख सम्पति दाता |
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता || जय
तू ही है पाताल बसन्ती, तू ही है शुभ दाता |
कर्म प्रभाव प्रकाशक, भवनिधि से त्राता || जय
जिस घर थारो वासो, तेहि में गुण आता |
कर न सके सोई कर ले, मन नहिं धड़काता || जय
तुम बिन यज्ञ न होवे, वस्त्र न कोई पाता |
खान पान को वैभव, सब तुमसे आता || जय
शुभ गुण सुंदर मुक्त्ता, क्षीर निधि जाता |
रत्त्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नही पाता || जय
आरती लक्ष्मी जी की, जो कोई नर गाता |
उर आनन्द अति उपजे, पाप उतर जाता || जय
स्थिर चर जगत बचावे, शुभ कर्म नर लाता |
राम प्रताप मैया की शुभ दृष्टि चाहता || जय