श्री बजरंगबली जी की आरती- Shri Bajarangbali ji ki Aarati
श्री बजरंगबली जी की आरती
श्री बजरंगबली जी की आरती इस प्रकार है:
आरती कीजै हनुमान लला की|
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की||
जाके बल से गिरवर कांपे|
रोग दोष जाके निकट ना झांके||
अंजनी पुत्र महाबलदाई|
सन्तन के प्रभु सदा सहाई||
दे बीड़ा रघुनाथ पठाये|
लंका जारि सिया सुधि लाये||
लंका सो कोट समुद्र सी खाई|
जात पवनसुत वार ना लाई||
लंका जारि असुरि सब मारे|
सीता रामजी के काज संवारे||
लक्ष्मण मूर्छित पड़े धरणी में|
लाये संजीवन प्राण उबारे||
पैठि पाताल तोरि जम-कारे,
अहिरावण की भुजा उखारे|
बाईं भुजा असुर संहारे|
दाईं भुजा सब सन्त उबारे||
सुर नर मुनि जन आरती उतारें|
जय जय जय हनुमान उचारें||
कंचन थाल कपूर की बाती|
आरती करत अंजना माई||
जो हनुमान जी की आरती गावैं|
बसि बैकुन्ठ अमर पद पावैं||
लंक विध्वंस किये रघुराई|
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाइ||
आरती कीजै हनुमान लला की|
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