Homeशिक्षाप्रद कथाएँस्वार्थी जमींदार – शिक्षाप्रद कथा

स्वार्थी जमींदार – शिक्षाप्रद कथा

स्वार्थी जमींदार - शिक्षाप्रद कथा

किसी किसान के बाग में शरीफे का एक पेड़ था| उस पेड़ पर अत्यन्त स्वादिष्ट फल लगते थे| एक दिन वह जमींदार के पास उसे खुश करने के लिए कुछ शरीफे ले गया| जमींदार ने शरीफे खाए तो बहुत प्रसन्न हुआ| फल उसे इतने पसन्द आए कि उसने निश्चय कर लिया कि वह उस पेड़ को हथिया लेगा|
उसने अपने आदमी भेज कर वह पेड़ किसान के खेत से उखड़वाया और अपने खेतों में लगवा लिया| चूंकि बेचारा किसान गरीब था, इसलिए कुछ बोल नहीं सका| परंतु पेड़ उखाड़ने के दौरान उसकी जड़ों को बहुत हानि पहुंची| इसलिए जब नए स्थान पर उस पेड़ को लगाया गया तो वह जड़ नहीं पकड़ सका|

पेड़ धीरे-धीरे सूख कर एक दिन बरबाद हो गया| जब किसान को इस बात का पता चला तो वह उदास हो गया और धीमी आवाज में बोला – ‘स्वार्थ का यही फल होता है| अगर वह पेड़ को उखड़ वाता नहीं तो आज भी उसमें स्वादिष्ट फल लगते और हम दोनों को मिलते रहते| परंतु अब तो हम दोनों को ही ऐसे फल नहीं मिलेंगे|’

शिक्षा: स्वार्थी लोग हमेशा दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं|

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