सर्पदंश से रोहिताश्व की मृत्यु
उधर रानी दिन-रात ब्राह्मण के घर काम में जुटी रहती थी| ब्राह्मण उसके बेटे रोहिताश्व को भी काम बताता रहता था| एक दिन उसने रोहिताश्व को बगीचे से पूजा के फूल लेन को भेजा, जहां एक विषैले सर्प ने उसे डस लिया|
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विष के तीव्र प्रभाव से बालक का प्राणांत हो गया| जब रोहिताश्व बहुत देर तक वापस न लौटा तो रानी उसे खोजते हुए बगीचे में पहुंची|
वहां मृत पुत्र को देखकर वह विलाप करने लगी| लिकिन कौन था वंहा उसे सांत्वना देने वाला? बहुत देर रोने के बाद आखिर वह कुछ संयत हुई और अपने पुत्र का शव लेकर ब्राह्मण के पास पहुंची| उसने ब्राह्मण से कुछ पैसे देने की प्रार्थना की ताकि वह कफन खरीदकर अपने पुत्र का शव दाह कर सके| लेकिन ब्राह्मण ने उसे पैसे देने से स्पष्ट इनकार कर दिया|