सबसे प्यारा क्या? (बादशाह अकबर और बीरबल)
एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा – “बीरबल, इस दुनिया में सबसे प्यारा क्या है?”
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सभी दरबारी अलग-अलग जवाब देने लगे| इज्जत, दौलत, जन्नत, संतान… और न जाने क्या-क्या जवाब दिए|
तब बादशाह अकबर ने बीरबल से यही सवाल किया तो वह बोला – “हुजूर, सबसे प्यारी अपनी जान होती है| बात किसी की जान पर आ जाए तो वह संतान की भी परवाह नहीं करता|”
“तुम्हारी बात में वजन है बीरबल, किंतु मन में कुछ शंका है| क्या तुम इसे सिद्ध कर सकते हो?” बादशाह अकबर ने पूछा|
“जी हुजूर|” बीरबल ने कहा – “कल सुबह ही मैं शाही हौज के पास यह बात सिद्ध कर दूंगा|”
अगले दिन सुबह बीरबल ने हौज का पानी निकलवाकर उसे खाली करवा दिया और उसमें एक बंदरिया को उसके बच्चे सहित डाल दिया| बंदरिया ने अपने बच्चे सहित उसमें से निकलने की बहुत कोशिश की, किंतु निकल न सकी| बीरबल ने हौज में पानी छुड़वा दिया| हौज में पानी भरने लगा| बंदरिया उछल-कूद करती हुई पानी से बचने की कोशिश करते रही, किंतु नाकाम रही| जब पानी उसकी कमर तक पहुंच गया तो उसने अपने बच्चे को अपनी पीठ पर रख लिया| पानी और ऊपर चढ़ा तो उसने बच्चे को अपनी गर्दन पर, फिर अपने सिर पर रख लिया|
जब पानी बंदरिया के मुंह तक पहुंच गया और बचाव का कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया तो उसने अपने बच्चे को फेंक दिया और अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर कूदने लगी| जब बात नहीं बनी तो वह बंदरिया अपने बच्चे के ऊपर खड़ी हो गई|
बीरबल की बात सिद्ध हो चुकी थी| बीरबल ने हौज का सारा पानी निकलवा दिया और बंदरिया और उसके बच्चे को निकालकर छोड़ दिया|
बादशाह अकबर को इस घटना से यह समझ आ गया कि वाकई सभी को अपनी जान ही सबसे ज्यादा प्यारी होती है|