परीक्षा की शुरुआत
हरिश्चंद्र के जाने के उपरांत विश्वामित्र ने मन ही मन सोचा, ‘देखूं तो कैसा दाता है हरिश्चंद्र| इसकी परीक्षा लेनी चाहिए|”
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ऐसा सोचकर विश्वामित्र ने अपनी दाढ़ी का एक बाल तोड़कर धरती पर पटका तो एक भयानक सूअर गर्जना करता हुआ वंहा प्रकट हो गया| विश्वामित्र से वह सूअर मनुष्य की बोली में बोला, “मेरे लिए क्या आज्ञा है गुरुदेव?”
विश्वामित्र ने हाथ उठाकर उसे आदेश दिया,” जाओ, राजा हरिश्चंद्र की राजधानी अयोध्या में जाओ और उसका सारा उपवन उजाड़ दो| जब राजा तुम्हें मार डालना चाहे तो उससे अपने प्राणों की भीख मांगना|”
“जो आज्ञा गुरुदेव!” सूअर बोला और पलटकर तेज गति से अयोध्या की ओर चल पड़ा|