मुर्ख कौन? (बादशाह अकबर और बीरबल)
एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा – “इस दुनिया में सबसे बड़ा मुर्ख कौन है?”
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“हुजूर, कुछ दिन बाद इस सवाल का जवाब दूंगा|” बीरबल ने कहा|
“ठीक है, हम इंतजार करेंगे|”
अगले दिन दरबार में अरब देश से घोड़े का एक व्यापारी आया और उसने बादशाह अकबर को उम्दा नस्ल के कुछ घोड़े दिखाए| बादशाह को घोड़े पसंद आ गए| उन्होंने व्यापारी से दो सौ घोड़ों का सौदा कर लिया और एक हजार स्वर्ण मुद्राएं पेशगी के तौर पर दे दीं| व्यापारी चला गया| तब बीरबल बोला – “हुजूर, मैं कल के सवाल का जवाब देना चाहता हूं|”
“कहो बीरबल, कौन है सबसे बड़ा मुर्ख?”
“हुजूर, आप|”
“मैं…कैसे….?” बादशाह अकबर ने चौंककर पूछा|
“हुजूर, आपने उस व्यापारी को बिना सोचे-समझे, जाने-पहचाने और बिना किसी जमानती के एक हजार स्वर्ण मुद्राएं पेशगी दे दीं| यह मूर्खता ही तो है, आप ही सोचें अब वह व्यापारी क्यों लौटेगा?” बीरबल ने कहा|
बादशाह सोच में पड़ गए, फिर कुछ देर सोचने के बाद बोले – “हो सकता है, वह व्यापारी घोड़े लेकर सचमुच आ जाए|”
“तब मैं उसे सबसे बड़ा मुर्ख मान लूंगा|” बीरबल ने जवाब दिया|
यह सुनकर बादशाह अकबर को हंसी आ गई|