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मानव के लिए सब कुछ सम्भव

नेपोलियन बोनापार्ट का नाम संसार के प्रमुख विजेताओं में फ्रांस के योद्धा एवं प्रसिद्ध सेनापति में स्मरण किया जाता है|

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एक सामान्य से सिपाही से वह देश के सेनापति ही नहीं, देश के शक्तिशाली सम्राट भी बने|

रोम का पोप जब उन्हें मुकट पहनाने पहुँचा, तब नेपोलियन ने राजमुकुट को स्वयं उठाकर अपने सिर पर धारण कर लिया| संभवतः वह यह दिखाना चाहते थे कि किसी दूसरे भौतिक शक्तियों के या ईसाइयों के प्रधान गुरु के सहारे वह फ्रांस के सम्राट नहीं बने हैं, बल्कि वह केवल अपनी मेहनत और तदवीर से उच्च स्थान पर पहुँचे हैं| क्या आप जानते हैं कि संसार का यह महान् विजेता नेपोलियन बचपन में अपनी कक्षा में सबसे पिछड़ा विधार्थी था| उसका कद केवल पाँच फुट दो इंच था| नेपोलियन अपने शरीर और शिक्षा की दृष्टि से एक पिछड़ा लड़का था| परंतु उसका अपना मन सर्वाधिक साहसी था| उसे एक बार यूरोप के सबसे विशाल और ऊँचे पर्वत आल्पस को लांघकर शत्रु प्रदेश पर विजय प्राप्त करने के लिए जाना था| उसके सेनापति और सैनिक ठिठक गए, लेकिन नेपोलियन क्षण-भर के लिए भी नहीं ठिठका| उसने कहा- “असंभव नाम का कोई शब्द इंसान के शब्दकोश में नहीं है| कोई भी वस्तु ऐसी नहीं है, जिसका इरादा इंसान कर ले और उसे पाने में असमर्थ रहे|”

नेपोलियन ने अपनी फौज को ललकारा| खुद उसकी कमान संभाली| उसने न केवल अजेम आल्पस पहाड़ जीत लिया, उस अजेय पहाड़ की आड़ में निश्चिन्त बैठे शत्रु को भी एक ही झपट्टे में जीत लिया| सही है कि असंभव को संभव कर दिखाना ही महान कार्य है|

भलाई का
सेवक का