ज्योतिषी की चतुराई
एक राजा हमेशा अपनी मौत के डर से बहुत भयभीत रहा करता था| वह प्रायः ज्योतिषियों से इस बारे में पूछता रहता था| ज्योतिषी उसे एक ही उत्तर देते कि महाराज आप तो दीर्घायु है|
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एक बार उसने एक महान ज्योतिषी को अपने दरबार में बुलाया| वह ज्योतिषी जो भी भविष्यवाणी करता था, वह अक्सर सही निकलती थी| राजा ने उसका शानदार स्वागत किया और बैठने के लिए ऊँचा आसन दिया|
फिर राजा ने उसे अपनी जन्मकुंडली देखने को दी|
ज्योतिषी ने राजा की जन्मकुंडली देखकर कहा, ‘महाराज, जो आपके ग्रह कह रहे है, वही बताऊंगा| मिथ्या और काल्पनिक बातें मैं नही जानता|’
राजा बोला, ‘ठीक है, मैं समझ गया कि आपका मंतव्य क्या है| आप निर्भीक होकर भविष्य बताएँ|’
ज्योतिषी ने राजा के भविष्य की अच्छी-अच्छी बातें बतानी प्रारंभ की|
भविष्य के बारे में अच्छी बातें सुनकर राजा बहुत खुश हुआ|
अब ज्योतिषी राजा की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की भविष्यवाणी करने लगा| उनको सुनकर राजा दुखी हो गया|
उसका मन इतना आहत हो गया कि उसने क्रोधित होकर ज्योतिषी से कहा, ‘अब बकवास बंद करो| यह बताओ कि ग्रहों के अनुसार तुम्हारी मौत कब होगी?’
ज्योतिषी समझ गया कि राजा के पूछने का क्या तात्पर्य है|
वह बोला, ‘महाराज मेरी मृत्यु आपकी मृत्यु से मात्र एक दिन पहले होगी|’
सुनकर राजा आग बबूला हो गया| वह ज्योतिषी को मृत्युदंड देने वाला था| लेकिन उसने ज्योतिषी के मुख से अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी सुनकर इरादा बदल दिया| उसका गुस्सा जाता रहा|
उसने ज्योतिषी के बुद्धिमतापूर्ण उतर की प्रशंसा की और बेशकीमती उपहार देकर उसे विदा कर दिया|
कथा-सार
मृत्यु का भय सभी को होता है लेकिन यह भी सत्य है कि जो इस नश्वर संसार में आया है, वह एक दिन जाएगा भी| राजा भी इसी से भयभीत था| ज्योतिषी की बातें सुनकर तय था कि राजा उसे मृत्युदंड देता| लेकिन अपनी मृत्यु का जो समय उसने बताया, उससे राजा समझ गया कि ज्योतिषी बेहद बुद्धिमान है|