Homeशिक्षाप्रद कथाएँजूतों के मारे (बादशाह अकबर और बीरबल)

जूतों के मारे (बादशाह अकबर और बीरबल)

जूतों से ही संबंधित बादशाह अकबर और बीरबल का एक और किस्सा मशहूर है| हुआ यूं कि एक दिन बादशाह अकबर, बीरबल तथा कुछ अन्य दरबारी किसी दावत में गए थे| दावत के बाद जब वे लोग कक्ष से बाहर निकले तो वहां बादशाह को अपने जूते नहीं मिले| जूतों की काफी तलाश की गई पर नहीं मिले… शायद किसी ने चुरा लिए थे|

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तभी किसी ने बादशाह से पूछा – “हुजूर, क्या बात है? आप अभी तक यहीं खड़े हैं?” [

“बादशाह सलामत जूतों के मारे खड़े हैं|” बीरबल ने कहा|

यह सुनकर बादशाह समेत वहां उपस्थित सभी लोग हंस पड़े|

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