जल्दी बुलाकर लाओ (बादशाह अकबर और बीरबल)
सुबह का समय था| अकबर ने अपने सेवक से कहा – “जाओ जल्दी बुलाकर लाओ|”
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सेवक आज्ञा पाकर चल तो दिया किन्तु अभी कुछ ही दूर गया था कि उसे याद आया, बादशाह ने यह तो बताया ही नहीं बुलाना किसे है| उसमें इतनी हिम्मत न थी कि बादशाह से यह पूछ सके कि किसे बुलाना है| वह बहुत परेशान हो गया|
वह बीरबल के पास गया और कहा – “मुझे जहांपनाह ने हुक्म दिया कि जाओ जल्दी बुलाकर लाओ, किन्तु यह नहीं बताया किसे बुलाना है| अब आप ही बताएं… मैं किसे बुलाऊं?”
“जहांपनाह उस वक्त क्या कर रहे थे?”
“हुजूर, जहांपनाह नहाने की तैयारी कर रहे थे|”
“ठीक है, तो नाई को तुरन्त जहांपनाह के पास भेज दो|”
सेवक ने वैसा ही किया और अकबर के पास नाई को भेज दिया|
अकबर खुश हुआ और सेवक से पूछा उसे कैसे पता चला कि उन्हें नाई की ही जरूरत थी|
सेवक ने बता दिया कि उसने बीरबल से सलाह ली थी|
बीरबल की चतुराई पर अकबर मुस्करा दिए|