हथेली पर बाल क्यों नहीं (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर को ठिठोली सूझी, बोले – “बीरबल मेरी हथेली पर बाल क्यों नहीं हैं?”
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“हुजूर रोज अपने हाथों से गरीबों और जरूरतमन्दों को दान आदि देते हैं, इसी कारण आपकी हथेली पर बाल टिक नहीं पाते|”
“अच्छा! लेकिन तुम्हारी हथेली पर बाल क्यों नहीं हैं?”
“इन्हीं हाथों से आपसे दान लेता रहता हूं, इसलिए मेरी हथेली पर भी बाल नहीं टिकते|”
बीरबल की सूझबूझ से अकबर प्रसन्न हुए, लेकिन उन्होंने फिर पूछा – “अच्छा बीरबल, इन दरबारियों के हाथ पर बाल क्यों नहीं हैं?”
“हुजूर, सीधी-सी बात है… आप दान देते हैं और मैं दान लेता हूं, ऐसे में यह बेचारे दरबारी हाथ मलते रहते हैं, इसलिए इनकी हथेली पर भी बाल नहीं टिकते|”