चोर की दाढ़ी में तिनका (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर की अंगूठी गुम हो गई| बादशाह ने बहुत तलाश की किंतु अंगूठी नहीं मिली| उन्होंने इस बात का जिक्र बीरबल से किया तो उसने पूछा – “हुजूर, आपको याद है, आपने अंगूठी कब उतारी थी?”
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“कल सुबह शौच जाने से पहले उतारकर अलमारी में रखी थी, वापस आने पर नहीं मिली|”
“तब तो यह तय है कि अंगूठी गुम नहीं हुई है बल्कि चोरी हुई है… और यह काम इस कमरे की साफ-सफाई करने वाले सेवकों का ही है|”
बादशाह ने सभी सेवकों को बुला लिया| कुल पांच सेवक थे और पांचों ही हाजिर थे|
बीरबल ने कहा – “बादशाह सलामत की अंगूठी चोरी हो गई है और उनका कहना है कि वह उस अलमारी में रखी थी| अत: मुझे अलमारी से ही पूछना पड़ेगा कि वास्तविक चोर कौन है?”
बीरबल अलमारी के पास गया और कान लगाकर कुछ सुनने का प्रयत्न करने लगा| फिर ऐसा स्वांग किया कि मानो अलमारी ने सबकुछ बता दिया है| मुस्कराकर बोला – “अलमारी ने सब बता दिया है… चोर मुझसे बच नहीं सकता क्योंकि दाढ़ी में तिनका है|”
बीरबल की बात सुनकर उन पांचों में से सबकी नजरें बचाकर एक ने अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरा, मानो तिनका ढूंढ़ने की कोशिश कर रहा हो| बीरबल की नजरें उन पांचों पर ही थीं, बीरबल ने तुरन्त उसको गिरफ्तार करने का आदेश दिया, जिसने अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरा था|
बीरबल द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया|
बादशाह अकबर अपनी अंगूठी वापस पाकर बेहद खुश हुए|