बूढ़े शेर की चालाकी
एक शेर बहुत बूढ़ा, दुबला और कमजोर हो गया था| अब वह शिकार करने में असमर्थ था| उसने एक योजना बनायी| उसने चारों तरफ खबर फैला दी कि वह बहुत बीमार है और मरने के निकट है| वह आनेवालों की प्रतीक्षा करने लगा|
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उसके प्रति सहानुभूति दिखाने जब भी कोई जानवर आता, वह ऐसा जताता कि वह न देख सकता है और न ठीक से सुन सकता है| जानवरों को वह अपने पास बुलाता और पास आने पर उन्हें मारकर खा जाता था| अपनी योजना की सफलता पर वह बहुत खुश था|
एक दिन एक चालाक लोमड़ी शेर से मिलाने आयी| किन्तु वह दूर ही खड़ी रही| उसने शेर के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की| शेर ने उसे पास आने को कहा| लोमड़ी बोली, “आप पहले बता दें कि पाँव के निशान आपके पास तक हैं, मगर आते दिखायी नहीं देते?
यह कहकर लोमड़ी वापस चली दी|
शेर हाथ मलता रह गया|