बिल्ली के गले में घंटी
अनाज के एक भण्डार के ढेर में सारे चूहे भय में जीते थे| उस क्षेत्र में एक बड़ी और मोटी बिल्ली रहती थी| जब-जब वह भण्डार में आती थी और कुछ चूहों को पकड़ कर खा जाती थी| वे उस बिल्ली से डरे हुए थे, जो चुपके से आती और बिना आवाज किये आसानी से चूहे पकड़ लेती थी|
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चूहों ने एक सभा बुलायी और बिल्ली को सबसे बड़ा दुश्मन बताया| वे किसी भी रूप में बिल्ली से छुटकारा पाना चाहते थे| किन्तु उन्हें मार्ग दिखायी न पड़ा|
अंत में एक युवा और स्वस्थ चूहा, एक बोर पर चढ़ गया और बोला, “हमें एक घंटी और एक रस्सी चाहिए, जिसे बिल्ली के गले में बाँध दिया जाये| जब-जब बिल्ली आयेगी घंटी की आवाज हमें उसके आने की सूचना देगी|” यह एक शानदार विचार था| चूहों ने तालियाँ बजायीं| मगर एक बूढ़ा चूहा जोर से बोला, “यह ठीक है कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बाँधेगा?” सभी चुप हो गये, बिल्ली के गले में घंटी बाँधने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ| सभा समाप्त हो गयी|