बारह में चार निकले तो…? (बादशाह अकबर और बीरबल)
अकबर ने अपने दरबारियों से सवाल किया – “बारह में चार निकल गए, क्या बचा?”
“बारह में चार निकले तो…?” सुनने के लिए Play Button क्लिक करें | Listen Audio
सभी दरबारियों ने एकामत होकर कहा – “जहांपनाह आठ बचे|”
बादशाह अकबर इस जवाब से सहमत न थे| उन्हें उम्मीद थी कि इसका जवाब बीरबल से ही मिलेगा, वे हसरत भरी नजरों से बीरबल को देखने लगे|
बीरबल ने कहा – “जहांपनाह, बारह में से चार निकलने पर कुछ नहीं बचा|”
“वह कैसे?” अकबर ने पूछा|
“हुजूर, एक वर्ष में बारह माह होते हैं और इनमें चार माह गर्मी के, चार सर्दी के तथा चार बरसात के होते हैं| यदि इनमें से बरसात के चार माह निकाल दिए जाएं तो कुछ भी नहीं बचेगा| क्योंकि बरसात न होने से पानी नहीं मिलेगा… पानी नहीं होगा तो खेती सूख जाएगी… और तब बचने को रह क्या जाएगा?”
बीरबल के जवाब से प्रसन्न हो गए बादशाह अकबर|