बैल का दूध (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर ने सोचा कि बीरबल को कोई ऐसा काम करने को कहा जाए जिसे वह कर ही न सके| यही सोचकर उन्होंने बीरबल को दरबार में बुलाया और कहा – “बीरबल, वैद्यजी ने एक ओषधि बनाने के लिए बैल के दूध की मांग की है, अत: हमें कहीं से बैल का दूध ला दो|”
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“हुजूर, दूध तो मिल जाएगा, कितु कुछ समय लगेगा|”
“ठीक है, चार दिन दिए|”
“जैसी हुजूर की आज्ञा|” बीरबल ने जवाब दिया और घर लौट आया| घर आकार बीरबल ने अपनी पुत्री से इस समस्या पर विचार विमर्श किया| बीरबल की पुत्री भी अपने पिता की भांति बहुत समझदार थी| उसने अपने पिता से निश्चिंत रहने को कहा|
आधी रात को जब बादशाह अकबर सो रहे थे, तब बीरबल की पुत्री उनके शयनकक्ष के पास बने घाट पर कपडे धोने लगी| आवाज से बादशाह अकबर की आंख खुल गई| उन्होंने सिपाहियों को बुलाकर हुक्म दिया कि घाट पर जो भी कपड़े धो रहा है उसे पकड़कर हमारे सामने पेश करो|
सिपाही बीरबल की पुत्री को पकड़कर बादशाह के सामने ले आए| बादशाह ने उससे पूछा – “लड़की, तुम्हें आधी रात को ही कपड़े धोने का समय मिला, सारा दिन क्या कर रही थी?”
“हुजूर, आपकी नींद में खलल पड़ा इसके लिए माफी चाहती हूं, किंतु सारा दिन कपड़े धोने का समय ही नहीं मिला| क्योंकि मेरे पिता ने एक बच्चे को जन्म दिया है, अब मां तो है नहीं जो बाकी काम निपटा सके, इसलिए सारा दिन बच्चे की सेवा करनी पड़ती है| खाना बनाना और घर के बाकी काम में सारा दिन बीत गया, अब फुरसत मिली तो कपड़े धोने यहां आ गई|”
“तुम झूठ बोल रही हो लड़की, भला मर्द भी कभी बच्चे पैदा करते हैं|” बादशाह ने गुस्से से कहा|
“हुजूर, जब बैल का दूध हो सकता है तो मर्द भी बच्चे पैदा कर सकते हैं|” बीरबल की पुत्री ने कहा|
यह बात सुनकर बादशाह अकबर का सारा गुस्सा जाता रहा| वे समझ गए कि लड़की बीरबल की पुत्री है| उन्होंने उसे घर वापस भेजा और बीरबल के लिए संदेश भिजवाया कि वह कल दरबार में आ जाए, बादशाह ने अपना आदेश वापस ले लिया है|