अकबर की पहेली (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर अक्सर दरबार में पहेलियां भी बुझते रहते थे और अधिकतर मामलों में बीरबल ही उन पहेलियों को सुलझा पाता था|
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एक दिन बादशाह अकबर ने दरबारियों से इस पहेली का मतलब बताने को कहा:
ऊपर ढक्कन नीचे ढक्कन मध्य-मध्य खरबूजा|
मौं छुरी से काटे आपहिं अर्थ तासु नाही दूजा||
दरबार में कोई भी इस पहेली को बूझ न पाया| बीरबल के लिए भी यह पहेली अनबूझ साबित हुई| बीरबल ने बादशाह अकबर से इस पहेली को हल करने के लिए कुछ दिन का समय मांगा|
बादशाह अकबर राजी हो गए और उन्होंने बीरबल को एक सप्ताह का समय दे दिया|
बीरबल पहेली का हल ढूंढने के लिए चल दिया| चलते-चलते जब सांझ हो गई तो विश्राम करने के इरादे से वह एक कुटिया में चला गया, जहां एक लड़की खाना बना रही थी| बीरबल ने पूछा – “क्या कर रही हो बेटी?”
“मां को जलाकर बेटी को पका रही हूं|” जवाब सुनकर बीरबल अचरज में पड़ गया|
“तुम्हारी मां कहां है?” बीरबल ने पुन: पूछा|
“वह एक को दो कर रही हैं|”
बीरबल अब भी कुछ समझ न पाया| उसने फिर पूछा – “अच्छा, तुम्हारे पिता कहां हैं?”
“वह मिट्टी को मिट्टी में मिलाने गए हैं|”
बीरबल समझ गया कि यह लड़की बहुत बुद्धिमान है| इसकी बातों में गूढ़ अर्थ छिपा हुआ है| इसी बीच लड़की के माता-पिता भी आ गए थे|
उन्होंने घर आए मेहमान का सत्कार किया और आने का प्रयोजन पूछा|
बीरबल ने सबकुछ बता दिया और लड़की द्वारा दिए गए जवाबों के अर्थ जानने की जिज्ञासा भी प्रकट की|
लड़की का पिता हंसते हुए बोला – “मेरी पुत्री बहुत ही समझदार है| मैं आपको सारी बातें समझाता हूं… आपके पहले सवाल का जवाब यह है कि वह अरहर की दाल उसी की लड़कियों को जलाकर पका रही थी| दूसरा जवाब यह है कि उसकी मां पड़ोस में मूंग की दाल दलने गई थी| और तीसरा मैं… मैं किसी का क्रिया कर्म करने गया था|”
बीरबल को लड़की की सूझबूझ पर आश्चर्य हुआ| उसने अकबर द्वारा पूछी गई पहेली का हल भी इसी लड़की से पूछने का निश्चय किया| उसे उम्मीद थी कि वह लड़की इसका हल जरूर जानती होगी|
जब बीरबल ने उस लड़की से वह पहेली पूछी तो उसने जवाब दिया – “यह धरती और आकाश दो ढक्कन के समान हैं और मानव उन खरबूजों की भांति है जो इन दोनों के मध्य अर्थात पृथ्वी के ऊपर और आकाश के नीचे रहता है और अपना समय पूरा करके मृत्यु को प्राप्त होता है|”
बीरबल को पहेली का हल मिल चुका था| वह वापस चल दिया और दरबार में पहुंचकर बादशाह अकबर को पहेली का अर्थ बता दिया|
बादशाह अकबर बहुत खुश हुए और उन्होंने बीरबल को ढेर सारा इनाम दिया| बीरबल ने वह सारा इनाम उसकी असली हकदार यानी उस लड़की के पास भिजवा दिया|