किसके लिए क्या मूल्यवान है – शिक्षाप्रद कथा
एक बार एक मुर्गा भोजन की तलाश कर रहा था| भोजन तलाश करने के दौरान ही एक कूड़े के ढेर में उसे एक बड़ा-सा हीरा मिला| उस हीरे को देखकर वह आश्चर्य में पड़ गया| फिर उसने उसे चोंच में भर कर तोड़ना चाहा, परंतु भला हीरा कैसे टूटता| तभी उसके इर्द-गिर्द मुर्गे भी जमा हो गए और कौतूहलवश उस हीरे के टुकड़े को देखने लगे|
उन्हीं में एक दूसरा अनुभवी मुर्गा भी था| वह हीरे के पास आया और ध्यानपूर्वक उसका निरिक्षण किया| इसके बाद उसने किसी ज्ञानी की भांति कहा – “मेरे प्यारे बच्चो! तुम नहीं जानते, यह हीरे का बेकार टुकड़ा है| एक चमकता हुआ पत्थर भर है, जिसका हमारे लिए कोई मूल्य नहीं| हम इससे अपनी भूख नहीं मिटा सकते| अगर यही हीरा किसी जौहरी को मिला होता तो यह उसके लिए लाखों रुपयों का होता| हमारे लिए तो जौ और मक्का इस चमकते हुए हीरे से अधिक मूल्यवान है|” यह सुनकर उस मुर्गे ने हीरा वहीं कूड़े के ढेर पर छोड़ दिया और आगे भोजन की तलाश में बढ़ गया|
शिक्षा: हर वस्तु पर प्राणी के लिए मूल्यवान नहीं होती|