बीती घटनाओं से सबक – शिक्षाप्रद कथा
एक बार एक भेड़िया किसी जंगली कुत्ते से युद्ध करते समय बुरी तरह घायल हो गया| वह इतना घायल था कि उसके लिए चलना-फिरना भी दूभर था| वह एक झरने से कुछ दूरी पर लेटा दर्द से कराह रहा था| जब वह लेटा कराह-कराहकर अपने जख्मों को चाट रहा था और उन पर मंडराती मक्खियों को भगा रहा था, तभी एक मेमना उधर से गुजरा| भेड़िया कई दिनों से भूखा था| उसका शरीर सूख-सा रहा था| उसके मस्तिष्क में तभी एक विचार कौंधा| वह मेमने से बोला – “मेरे प्यारे दोस्त, क्या तुम मेरे लिए थोड़ा पानी लाने की मेहरबानी करोगे| मैं बुरी तरह घायल हूं और कई दिनों से भूखा-प्यासा हूं| जब मुझे पानी मिल जाएगा तो भोजन का प्रबंध मैं खुद ही कर लूंगा|
“आप ठीक कहते हैं श्रीमान!” मेमना बोला – “अगर मैं आपके लिए थोड़े पानी का प्रबंध कर दूंगा तो आप मेरा भोजन बना कर खा जाएंगे| मुझे अपने भाई का वह परिणाम मालूम है, जब आपके एक भाई ने उसे यह कहकर खा लिया कि वह पहाड़ी नदी में नीचे खड़ा उस भेड़िए का पानी गंदा कर रहा था| जबकि सच्चाई यह थी कि भेड़िया ऊपर पानी पी रहा था और बेचारा मेमना नीचे था| मुझे खेद है कि मैं आपके लिए पानी नहीं ला सकता| अपने दुर्भाग्य का मुकाबला आप खुद करें| इस बार बारी आपकी है|” यह कहकर मेमना एक ओर चल दिया|
शिक्षा: दूसरों के साथ बीती घटनाओं से सबक लेना चाहिए|