बंद दरवाजे (तेनालीराम) – शिक्षाप्रद कथा
एक बार राजा कृष्णदेव राय ने अपने दरबारियों से जादू का खेल देखने की इच्छा ज़ाहिर की| महाराज की इच्छा को देखते हुए एक मशहूर जादूगर को बुलाया गया और उसे करतब दिखाने के लिए बोला गया| अगले दिन जादूगर ने सभी को तरह-तरह के करतब दिखलाये| सभी ने जादूगरी के करतबों की दिल खोलकर प्रशंसा की| तब राजा कृष्णदेव राय ने जादूगर से कहा-“हमें तो कोई ऐसा करतब या करिश्मा दिखलाओ जोकि अब तक किसी ने भी दिखलाया न हो और न ही किसी ने अब तक देखा हो|”
जादूगर यह सुनकर बोला कि महाराज मैं आपको एक ऐसा जादू का खेल दिखा सकता हूं जो आज तक किसी ने भी देखा नहीं होगा परन्तु इसके लिए आपको पूनम की रात तक रुकना होगा| पूनम की रात को आप सभी दरबारियों व नगरवासियों सहित जंगल के तलाब के किनारे आ जाएं वहां मैं आपको साक्षात् परियां दिखला सकता हूं|
तब राजा बहुत खुश हुए और पूनम की रात को सभी दरबारियों व नगरवासियों सहित जंगल के तालाब पर जाने के लिए नगर के द्वार पर पहुंचे तो देखा कि नगर के सभी द्वार बंद पड़े हैं| राजा ने फौरन पता लगवाया तो पता चला कि तेनालीराम के आदेश से सभी द्वार बंद हुए हैं| राजा ने तेनालीराम को फौरन बुलवाया और गुस्से में कहा, – “तेनालीराम, तुम्हें मालूम नहीं है कि हमें परियां देखने तालाब के किनारे जाना है|” तब तेनालीराम ने कहा, “महाराज आप जिन परियों को देखने तालाब के किनारे जा रहे हैं वे तो यहीं हैं| यहां से वे कहीं चली या भाग न जायें इसलिए तो मैंने नगर के सभी द्वार बंद किये हैं|” तब तेनालीराम ने सैनिकों को आदेश दिया कि जाओ और परियों के वेश में छिपे हुए आदमियों को पकड़कर महाराज के सामने ले आये| तब महाराज ने तेनालीराम से पूछा कि ये क्या मज़ाक है| आखिर माजरा क्या है? तब तेनालीराम ने बताया कि महाराज जिस दिन से जादूगर ने परियां दिखाने कि घोषणा की तो मुझे उस पर कुछ शक हो गया| मैंने अपने गुप्तचर जादूगर के पीछे लगा दिये जिससे मुझे पता लगा कि वो जादूगर एक लुटेरा है और वो आपको व नगरवासियों को परियां दिखाने के बहाने तलाब पर इकट्ठा करता और पीछे से सारा कोषागार तथा नगर का धन लूटकर फरार हो जाता| ये सुनकर महाराज ने फौरन उस जादूगर को बंदी बनाकर कारागार में डाला और तेनालीराम की होशियारी पर उन्हें बहुत सारा इनाम दिया| कुछ दिनों बाद तेनालीराम से महाराज ने कहा, “तेनालीराम अब असली परियां कब दिखलाओगे तो तेनालीराम ने उत्तर दिया कि उसके लिए तो महाराज भगवान जैसे किसी जादूगर को ही बुलवाना पड़ेगा| इस पर चुटकी पर सारा दरबार ठहाकों से गूंज उठा|