आदमी और उसका विग – शिक्षाप्रद कथा
एक बार एक घुड़सवार किसी कस्बे से होकर गुजर रहा था| उसने हैट पहन रखा था और हैट में लगे बालों की विग उसके गंजे गंजे सिर की शोभा बढ़ा रही थी| वह बड़े मजे में अपने घोड़े पर बैठा चला जा रहा था, तभी हवा का एक झोंका उसका हैट और साथ ही नकली बालों की विग उड़ाकर ले गया| अब उसका गंजा सिर कस्बे के सभी लोगों के सामने दिखाई देने लगा| लोग ठहाका मार-मार कर हंसने लगे|
“अरे यह देखो!” भीड़ में से कोई कहने लगा – “अभी कुछ देर पहले यह व्यक्ति युवा था| इसके सिर पर बाल थे, मगर अब देखो कितनी जल्दी यह बूढ़ा हो गया| इसके सिर के बालों का कोई पता नहीं| क्या अद्भुत नजारा है|”
मगर यह सब सुनकर भी वह व्यक्ति न ही विचलित हुआ और न ही क्रोधित| वह शांत रहा और अपने ऊपर हंसने वालों के साथ-साथ हंसता रहा| फिर बोला – “देखो मित्रो, हवा के एक झोंके कितनी जल्दी आदमी को अक्ल आ जाती है| मगर यह तभी होता है, जब व्यक्ति अक्लमंद बनने योग्य हो|” इतना कहकर वह अपने ऊपर हंसने वाले उन सभी लोगों से अधिक जोर से हंसा|
शिक्षा: दूसरों पर ही नहीं अपने आप पर भी हंसें|