Homeअतिथि पोस्टदुर्लभ मानव जीवन उजले-उजले संकल्प करने के लिए है

दुर्लभ मानव जीवन उजले-उजले संकल्प करने के लिए है

दुर्लभ मानव जीवन उजले-उजले संकल्प करने के लिए है

राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने आधारभूत नवाचार और उत्कृष्ट पारम्परिक ज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 55 लोगों को सम्मानित किया। श्री मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित नवप्रवर्तन उत्सव के दौरान इन सभी लोगों को सम्मानित किया। इनमें से सबसे प्रमुख गुजरात के 82 वर्षीय भंजीभाई मथुकिया को कृषि से संबंधित कई नए तरीके विकसित करने के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया। इस मेले में हिस्सा लेने वाले वैज्ञानिक नहीं हैं लेकिन वे ऐसे खोजकर्ता हैं जिन्होंने अपनी खुद की जरूरत या अपने आसपास की समस्या के निदान के लिए अनोखी खोजें कर डाली। जैसे बिना बिजली से चलने वाली फ्रिज, क्ले वाटर फिल्टर, गर्मी में उगने वाले सेब की किस्म, मरीजों के नहाने के लिए कुर्सी, कूड़ा उठाने वाली मशीन आदि। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन की तरफ से आयोजित नवप्रवर्तन उत्सव में 55 से भी ज्यादा जमीनी इनोवेटरों ने हिस्सा लिया और अपने उत्पादों को उन्होंने यहां प्रदर्शित भी किया। 

ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के मैकेनिकल के छात्रों ने स्मार्ट रेलवे के लिए पैल्टीयर नाम की एक ऐसी डिवाइस बनाई है जिसमें ट्रेन के इलेक्ट्रिक उपकरण और यात्रियों के शरीर से निकलने वाली ऊष्मा को थर्मो टम्प्रेचर के माध्यम से स्टोर किया जाएगा। डिवाइस इसे इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदल कर ट्रेन के पंखे चलाएगी और बल्व रोशन होंगे। रेल में यात्रा करते समय इंजन और डिब्बों में विभिन्न प्रकार की ऊष्मा उत्सर्जित होती है, जो वातावरण में मिलकर व्यर्थ हो जाती है। इस तरह की ऊष्मा ग्लोबल वार्मिंग को भी प्रभावित करती है। इस व्यर्थ हो रही ऊष्मा को ऊर्जा में बदलने के लिए कोठीवाल इंस्टीटयूट आॅफ टेक्नोलाॅजी एण्ड प्रोफेशनल स्टडीज मुरादाबाद के मैकेनिकल और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों ने पैल्टीयर डिवाइस बनाई है।

मिनसोंटा विश्वविद्यालय की एक खोज से भविष्य के लिए मानव अंगों के प्रत्यारोपण की बहुत सी उम्मीदें जग गई हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस तरीके से पूरी मानव देह ही लंबे समय तक संरक्षित की जा सकती है। अभी तक जो लोग देहदान करते हैं, उनके कुछ ही अंगों का प्रत्यारोपण के लिए उपयोग हो पाता है। इसके बाद से उनके काफी सारे अंगों का इस्तेमाल हो सकेगा। मानव अंगों की जरूरत को पूरी तरह भले ही न खत्म किया जा सके, लेकिन काफी हद तक कम किया जा सकेगा। अब वैज्ञानिकों ने सिलिका चढ़े हुए आॅयरन आॅक्साइड के ऐसे नैनो कण तैयार किए हैं, जिनका घोल इन अंगों को तुरन्त सामान्य तापमान पर ले आता है और उनके ऊतकों को भी कोई नुकसान नहीं होता। आने वाले समय में यह आधुनिक चिकित्सा की अभूतपूर्व खोज मानी जायेगी। जीवित रहते रक्त दान, मरणोपरान्त नेत्र दान तथा शरीर दान प्रत्येक व्यक्ति का संकल्प होना चाहिए।

दिल की धड़कन का अनियंत्रित होना, एक गंभीर अवस्था है, जिसका सटीक इलाज विशेषज्ञों के पास अब तक मौजूद नहीं था। हालांकि यूनिवर्सिटी आॅफ मैनचेस्टर की एक शोध में दावा किया गया है कि अब यह समस्या लाइलाज नहीं रहेगी और विशेषज्ञ इसके इलाज के काफी करीब पहुंच गए हैं। वहीं जीवन के विभिन्न पहलुओं पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों को बड़ी उपलब्धि हासिल होने का दावा किया जा रहा है। वैज्ञानिक लैब में बिना शुक्राणुओं या अंडाणुओं के स्टेम सेल से चूहे का भ्रूण तैयार करने में सफल रहे हैं। विशेषज्ञ इसे दुनिया का पहला कृत्रिम भ्रूण होने का दावा कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में हरिहरपुररानी ब्लाक के किशुनपुर चोरवाभारी गांव के प्राथमिक स्कूल में बच्चे पर्याप्त संख्या में थे किन्तु उन्हें पढ़ाने वाले अध्यापक नहीं थे। नतीजतन गरीब परिवारों के बच्चों की पढ़ाई महज खेल-कूद कर समय काटने तक सिमटी हुई थी। ऐसे में गांव के शिक्षित बुजुर्गों ने बच्चों की जिंदगी में शिक्षा का प्रकाश घोलने का बीड़ा उठा लिया। तीन-चार माह में ही स्कूल की दिशा और दशा बदल गई। इस स्कूल में अध्यापकों की संख्या बढ़ी और छात्रों की संख्या भी। पढ़ाई का वातावरण तथा स्तर सुधारा है।

इस स्कूल में बीते अगस्त 2016 माह में 97 बच्चे पंजीकृत थे, जबकि अध्यापक के नाम एकमात्र नियुक्ति शिवप्रसाद शुक्ल की थी, जिनके पास एनपीआरसी का भी प्रभार था। इस वजह से उनके लिए बेहतर ढंग से शिक्षण कार्य कर पाना संम्भव नहीं था। ग्राम वासी अपने बच्चों की शिक्षा तथा भविष्य को लेकर व्यथित थे। ऐसे हालात में देहात संस्था ने मुस्कान परियोजना के तहत चयनित इस विद्यालय के कायाकल्प की मुहिम छेड़ी। यूनीसेफ की गाइड लाइन के मुताबिक विद्यालय प्रबंध समिति का गठन किया। इस समिति ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को अध्यापकों की तैनाती के लिए आवेदन पत्र तो भेजा ही साथ ही सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षित बुजुर्गों ने स्कूल में प्रतिदिन समय देकर शिक्षण कार्य करने का संकल्प भी जताया। यूनीसेफ ने विद्यालय में अध्यापन कार्य, स्वच्छता एवं बच्चों की बौद्धिक क्षमता पर आधे घण्टे की फिल्म की शूटिंग की है। जिसका प्रदर्शन राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा। समिति के सदस्यों ने विद्यालय की ग्रीन बाउंड्री का निर्माण किया है जो सभी के आकर्षण का केन्द्र बनी है।

पाकिस्तान में एक फास्ट फूड रेस्त्रा भोजन परोसने के लिए रोबोट ‘महिला वेटर’ का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला होटल बन गया है। स्थानीय मीडिया में रोबोट के भोजन परोसने की खबरों के बाद पंजाब प्रांत के मुल्तान शहर में पिज्जा डाॅट काॅम में ग्राहकों की भारी भीड़ जुटने लगी है। पिज्जा रेस्त्रां के मालिक के बेटे सैयद ओसामा अजीज ने इस रोबोट को बनाया है जिसने इस्लामाबाद में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है।

राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला पहलवान बबीता फोगाट की तमन्ना ओलंपिक में मेडल जीतने की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि मेहनत करना उनके हाथ में है, लेकिन पदक नहीं। फोगाट मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में निजी कार्यक्रम में भाग लेने आई थीं। उन्होंने कहा कि हर लड़की को धाकड बनना चाहिए। उन्हें स्वयं अपनी सुरक्षा करना आना चाहिए। कुश्ती में महिला कोच का होना जरूरी है। बबीता ने कहा कि सरकार मदद करें तो फोगाट परिवार एक कुश्ती अकादमी खोलना चाहता है। वहीं ़अभिनेता अरबाज खान और जिमी शेरगिल लखनऊ में आयोजित डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा स्मारक राष्ट्रीय दृष्टिबाधित क्रिकेट टूर्नामंेट में खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने पहुंचे। अरबाज ने कहा कि यह मेरे लिए अनूठा अनुभव है। सामान्य लोगों को क्रिकेट खेलते तो देखा है पर उन लोगों को क्रिकेट खेलते देखना मेरे लिए अद्भुत है जिन्हें दिखाई नहीं देता या न के बराबर दिखता है। ऐसे खिलाड़ियों के जोश और जज्बे को सलाम।

दुनिया की सबसे बड़ी ई-काॅमर्स कंपनी अमेजन चांद पर बस्ती बसाने के लिए जरूरी सामान पहुंचाने का प्लान बना रही है। कंपनी के बाॅस जेफ बेजोस की तरफ से जारी एक इंटरनल रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अच्छी डिलिवरी सर्विस का चांद पर बसने में अहम रोल होगी। कंपनी ने यह रिपोर्ट नासा और अमेरिका प्रेसिडेन्ट डोनाल्ड ट्रंप की ट्रांजिशन टीम को सौंपी है। चांद के सरफेस पर पहुंचते ही रोबोटिक रोवर के जरिए रिसर्च के लिए सामान डिप्लाॅए किए जाएंगे। यह अर्थ टू मून सर्विस होगी।

प्रदीप कुमार सिंह, शैक्षिक एवं वैश्विक चिन्तक
पता– बी-901, आशीर्वाद, उद्यान-2
एल्डिको, रायबरेली रोड, लखनऊ-226025
मो. 9839423719

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