प्रेम की मस्ती
एक बार जब कृष्ण जी विदुर के घर गये, उस समय वह घर पर नहीं थे| उनकी पत्नी नहा रही थी| द्वार पर कृष्ण जी ने आवाज़ दी|
एक बार जब कृष्ण जी विदुर के घर गये, उस समय वह घर पर नहीं थे| उनकी पत्नी नहा रही थी| द्वार पर कृष्ण जी ने आवाज़ दी|
गुरु अर्जुन साहिब के वक़्त दो व्यक्ति, पिता और पुत्र, अच्छे प्रेमी और शब्द के अभ्यासी थे| पिता का नाम संमन और पुत्र का नाम मूसन था|
एक बार का जिक्र है कि एक बहुत बड़ा चोर था| जब वह मरने लगा तो उसने अपने बेटे को बुलाकर नसीहत दी कि अगर तुझे चोरी करनी है तो किसी गुरुद्वारा, धर्मशाला या धर्म-स्थान में न जाना, बल्कि इनसे दूर ही रहना|
शुक्रदेव ऋषि वेदव्यास का पुत्र था| चौदह कला सम्पूर्ण था और उसे गर्भ में ही ज्ञान हो गया था|
शिव जी के लड़के कार्तिकेय और गणेश जी ने एक दिन शिव जी से पूछा कि आप अपनी गद्दी किसको देंगे?
एक मिरासी ग़लती से मस्जिद में जा पहुँचा| वहाँ पाँच नमाज़ी मौजूद थे| उन्होंने कहा कि आओ, वुज़ू करके नमाज़ पढ़ें| मिरासी ने पूछा, “नमाज़ से क्या फ़ायदा होता है?”