Home2019March (Page 3)

व्यक्ति के जीवन में एक ही अवलंब होता है और वो है ईश्वर। व्यक्ति ज्ञान, कर्म और भक्ति के कई मार्गों से ईश्वर को पाने का प्रयास करता है। भक्ति सर्वश्रेष्ठ मार्ग है और भक्ति से ईश्वर को पाना सबसे सरल होता है।

चावल यानी अक्षत हमारे ग्रंथों में सबसे पवित्र अनाज माना गया है। अगर पूजा पाठ में किसी सामग्री की कमी रह जाए तो उस सामग्री का स्मरण करते हुए चावल चढ़ाए जा सकते हैं।

परुषों और महिलाओं, दोनों में ऊँचे दर्जे के सन्त हुए हैं| राबिया बसरी भी ऊँचे दर्जे की एक ऐसी फ़क़ीर हुई हैं| एक बार उनके पास दो फ़क़ीर आये|

जब बड़े महाराज जी कोहमरी में थे, वे एक गाँव में गये| वहाँ नया थाना बना था| आप वहाँ के बिल चैक करने गये थे| रहने के लिए आपको एक चौबारेवाला कमरा दिया गया|

रावलपिण्डी का जिक्र है, एक बंगाली बाबू एक दफ्तर में नौकर था, बहत प्रेमी और अभ्यासी था| एक बार जब बड़े महाराज जी ने उससे पूछा कि क्या मन वश में आया? मन अन्दर शब्द के साथ जुड़ता है?