असली विद्वान कौन?
एक बार एक विद्यार्थी अपनी बी. ए. की पढ़ाई पूरी करके अपने घर जा रहा था| रास्ते में उसे एक जाट ने पूछा कि कहाँ से आ रहे हो? उसने कह कि मैं विद्या प्राप्त करके आ रहा हूँ|
एक बार एक विद्यार्थी अपनी बी. ए. की पढ़ाई पूरी करके अपने घर जा रहा था| रास्ते में उसे एक जाट ने पूछा कि कहाँ से आ रहे हो? उसने कह कि मैं विद्या प्राप्त करके आ रहा हूँ|
गुरु गोबिन्द सिंह जी के सत्संग में एक सीधा-सादा किसान चला आया और गुरु साहिब से कहने लगा कि मुझे कोई सेवा बख़्शो| उस ज़माने में मुग़लों से लड़ाइयाँ होती रहती थीं|
महात्मा बुद्ध के समय का ज़िक्र है कि एक चरवाहा भेड़-बकरियों का झुण्ड लेकर चला जा रहा था|
एक बार गुरु गोबिन्द सिंह जी चोरों के एक गाँव में गये और वहाँ के लोगों से कहा कि आप यह काम छोड़ दो|
सुलतान महमूद प्रजा की हिफ़ाज़त के लिए रात को भेष बदलकर घूमता था| एक बार उसको पाँच चोर मिले|
गुरु नानक साहिब के समय एमनाबाद में मालिक भागो नामक एक धनी व्यक्ति था| वह पठान हाकिम का दीवान होने के कारण एक प्रतिष्ठित व्यक्ति माना जाता था|
भारत में पहले यह रिवाज़ था कि जब किसी राजकुमारी की उम्र शादी लायक़ होती तो एक स्वयंवर रचा जाता जिसमें राजकुमारी ख़ुद अपने पति को चुनती थी|
एक आदमी अन्धा भी था और साथ ही गंजा जी था| थोड़ी सी ग़लती के कारण राजा ने उस बेचारे को एक ऐसी जेल में बन्द कर दिया जो ख़ास तौर पर भूलभुलैया जैसी बनायी गयी थी|
बुल्लेशाह मुसलमान सैयद फ़क़ीर हुए हैं जो पंजाब में रहते थे और अपना बहुत-सा समय ख़ुदा की इबादत में गुज़ारते थे|
एक साहूकार का नियम था कि वह अपनी आसामियों से सूद-दर-सूद लिया करता था| एक दिन वह एक गाँव में किसी ग़रीब किसान के घर अपने पैसों की वसूली करने गया|