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भगवान शंकर को पति के रूप में पाने हेतु माता-पार्वती कठोर तपस्या कर रही थी। उनकी तपस्या पूर्णता की ओर थी। एक समय वह भगवान के चिंतन में ध्यान मग्न बैठी थी। उसी समय उन्हें एक बालक के डुबने की चीख सुनाई दी। माता तुरंत उठकर वहां पहुंची। उन्होंने देखा एक मगरमच्छ बालक को पानी के भीतर खींच रहा है।

बादशाह अकबर को बर्तनों के एक व्यापारी की बहुत अधिक शिकायतें मिल रही थीं| उन्होंने बीरबल को बुलाया और उसे मामले को सुलझाने को कहा| बीरबल ने अपनी तरफ से छानबीन की तो पाया कि वाकई व्यापारी ठगी कर रहा था| बीरबल ने उसे सबक सिखाने की ठान ली|

एक धोबी के पास एक कुता और एक गधा था| धोबी सुबह-सुबह गधे पर कपड़े लादता और कुते को साथ लेकर घाट पर पहुँच जाता| जब धोबी कपड़े धोकर घाट पर सुखा कर चला जाता, तब कुता उनकी रखवाली करता|