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एक संत किसी गांव में पहुंचे। गांव के लोगों के आग्रह पर वह वहीं एक कुटिया बनाकर रहने लगे। उनका खाना जमींदार के घर से आता था। एक दिन जमींदार की पत्नी ने उन्हें अपने घर ठहरने को कहा।

स्वस्थ वीर्य हिमानुश्य का पुरुषार्थ है| स्त्री-भोग का आनंद स्तम्भन शक्ति में निहित है| बहुत अधिक मैथुन करने, असमय मैथुन करने, खट्टे, कड़वे, रूखे, कसैले, खारे एवं चटपटे पदार्थ खाने, मानसिक तनाव रखने तथा अप्राकृतिक साधनों से वीर्य त्यागने पर ही व्यक्ति में नपुंसकता उत्पन्न होती है|

1 [मार्क] गुरुभिर नियमैर युक्तॊ भरतॊ नाम पावकः
अग्निः पुष्टिमतिर नाम तुष्टः पुष्टिं परयच्छति
भरत्य एष परजाः सर्वास ततॊ भरत उच्यते