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वृद्ध और अंधे महर्षि च्यवन ने अपनी युवा पत्नी सुकन्या से कहा, “तुम युवा हो और एक लम्बा जीवन तुम्हारे सामने है| तुम किसी युवक से विवाह कर लो|”

प्राचीन काल में गंगातट पर बसे एक गांव बहुसुवर्ण में गोविंद दत्त नाम का एक ब्राह्मण रहता था| वह प्रकांड विद्वान और शास्त्रों का ज्ञाता था| उसकी पत्नी अग्निदत्ता परम पतिव्रता स्त्री थी|

प्राचीन समय की बात है| युवक मूलशंकर, ‘ब्रह्मचारी शुद्ध चैतंय’ बनकर ज्ञानार्जन के लिए, सच्चे शिव की खोज में किसी अच्छे गुरु से दीक्षा ग्रहण करने के लिए देशाटन कर रहे थे कि एक दिन उन्होंने देखा कि कुछ लोग गाजे-बाजे के साथ जा रहे थे|