Chapter 175
“Yudhishthira said, ‘Time, which is destructive of every created thing,is passing on.[512] Tell me, O grandsire, what is that good thing whichshould be sought.’
“Yudhishthira said, ‘Time, which is destructive of every created thing,is passing on.[512] Tell me, O grandsire, what is that good thing whichshould be sought.’
एक बार की बात है| एक लड़का था| अक्ल के मामले में थोड़ा-सा कमजोर| एक दिन खेत से लौटते समय उसने एक आदमी को एक गधी लेकर जाते हुए देखा| लड़के को गधी बहुत अच्छी लगी| उसने मालिक से पूछा, “तुम इस गधी को कितने में बेचोगे? मै इसे खरीदना चाहता हूं|”
Sanjaya said,–“Beholding the Dhartarashtra army approach for fight,Krishna said these words for Arjuna’s benefit.”
“Vaisampayana said, ‘After Bhishma had fled, leaving the van of battle,the illustrious son of Dhritarashtra hoisting high flag approachedArjuna, bow in hand and setting up a loud roar.
जहांगीर के राज्य में चंदूशाह नाम का एक सेठ था। उसने सिख गुरु अर्जुन देव के समक्ष प्रस्ताव रखा कि वे अपने पुत्र हरगोविंद का विवाह उसकी पुत्री के साथ कर दें। गुरु अर्जुन देव ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इस पर वह नाराज हो गया और बदले का अवसर खोजने लगा।
Duryodhana said,–‘Come, Kshatta, bring hither Draupadi the dear andloved wife of the Pandavas. Let her sweep the chambers, force herthereto, and let the unfortunate one stay where our serving-women are.’
है ये पावन शिरडी यहाँ बार-बार आना
साँईनाथ के चरणों में आकर के झुकजाना
है ये पावन शिरडी यहाँ बार-बार आना