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यह अत्यन्त तृप्तिदायक, शीतल एवं शहद जितना मीठा होता है| यह बहुत अधिक शक्तिवर्धक और वीर्यवर्धक होता है तथा हृदय के लिए परम हितकारी है| इसका सेवन क्षयरोग में लाभकारी है| रक्तवर्धक होने के साथ-साथ इसमें सभी पौष्टिक तत्त्व विद्यमान रहते हैं| जो शरीर के विकास के लिए परमापयोगी हैं| ये शुक्राणु एवं डिम्बवर्धक हैं तथा मांसपेशियों की शिथिलता को दूर करने में उपयोगी हैं| कामशक्ति व यौनशक्ति को बढ़ाने में अद्वितीय हैं| इनके नित्य सेवन से शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है| चार से अधिक छुआरे एक बार में नहीं खाने चाहिए, वरना ये गर्मी करते हैं| दूध में भिगोकर छुआरा खाने से इसके पौष्टिक गुण बढ़ जाते हैं|

दो मित्र थे| वे बड़े ही बहादुर थे| उनमें से एक ने अपने बादशाह के अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई| बादशाह बड़ा ही कठोर और बेरहम था| उसको जब मालूम हुआ तो उसने उस नौजवान को फांसी के तख्ते पर लटका देने की आज्ञा दी|

1 [मनु] यद इन्द्रियैस तूपकृतान पुरस्तात; पराप्तान गुणान संस्मरते चिराय
तेष्व इन्द्रियेषूपहतेषु पश्चात; स बुद्धिरूपः परमः सवभावः