पढ़ो पोथी में सांई लिखो तख्ती पे सांई ,
पढ़ो पोथी में सांई लिखो तख्ती पे सांई ,
देखो खम्बे में सांई श्री सांई सांई सांई ..
पढ़ो पोथी में सांई लिखो तख्ती पे सांई ,
देखो खम्बे में सांई श्री सांई सांई सांई ..
यह अत्यन्त तृप्तिदायक, शीतल एवं शहद जितना मीठा होता है| यह बहुत अधिक शक्तिवर्धक और वीर्यवर्धक होता है तथा हृदय के लिए परम हितकारी है| इसका सेवन क्षयरोग में लाभकारी है| रक्तवर्धक होने के साथ-साथ इसमें सभी पौष्टिक तत्त्व विद्यमान रहते हैं| जो शरीर के विकास के लिए परमापयोगी हैं| ये शुक्राणु एवं डिम्बवर्धक हैं तथा मांसपेशियों की शिथिलता को दूर करने में उपयोगी हैं| कामशक्ति व यौनशक्ति को बढ़ाने में अद्वितीय हैं| इनके नित्य सेवन से शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है| चार से अधिक छुआरे एक बार में नहीं खाने चाहिए, वरना ये गर्मी करते हैं| दूध में भिगोकर छुआरा खाने से इसके पौष्टिक गुण बढ़ जाते हैं|
“‘Karna continued, “Thou shouldst know all this, O Shalya. I shallhowever, again speak unto thee. Listen with close attention to what Isay. Once on a time a brahmana came to our house as a guest.
दो मित्र थे| वे बड़े ही बहादुर थे| उनमें से एक ने अपने बादशाह के अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई| बादशाह बड़ा ही कठोर और बेरहम था| उसको जब मालूम हुआ तो उसने उस नौजवान को फांसी के तख्ते पर लटका देने की आज्ञा दी|
1 [लॊमषा]
समुद्रं ते समाश्रित्य वारुणं निधिम अम्भसाम
कालेयाः संप्रवर्तन्त तरैलॊक्यस्य विनाशने
यह व्रत आश्विन मास के शुक्ल प्रतिपदा को किया जाता है| इस व्रत में अशोक वृक्ष की पूजा की जाती है|
1 [मनु]
यद इन्द्रियैस तूपकृतान पुरस्तात; पराप्तान गुणान संस्मरते चिराय
तेष्व इन्द्रियेषूपहतेषु पश्चात; स बुद्धिरूपः परमः सवभावः
बहुत समय पहले की बात है- एक राजा ने अपनी सेना सहित किसी नगर के बाहर पड़ाव डाला| वहाँ पेड़ पर बैठा एक बंदर गौर से उनकी तमाम गतिविधियाँ देख रहा था|