Chapter 191
“Sanjaya said, ‘Upon the fall of Drona, O king, the Kurus, afflicted withweapons, deprived of their leader, broken and routed, became filled withexertion, and deprived of energy through grief.
“Sanjaya said, ‘Upon the fall of Drona, O king, the Kurus, afflicted withweapons, deprived of their leader, broken and routed, became filled withexertion, and deprived of energy through grief.
गौरैया चिड़िया का एक जोड़ा पीपल के पेड़ में घोंसला बनाकर रहता था| नर गौरैया अपनी मादा से बहुत प्यार करता था|
इस विश्व-विख्यात फल की पैदावार विशेषकर पहाड़ी प्रदेशों में होती है| मुख्यत: यह हरा, पीला, लाल और सफेद रंग का होता है| इसका स्वाद मीठा होता है और इसकी तासीर ठंडी होती है|
“Vaisampayana said, ‘Thus addressed by Yudhishthira Susarman wasoverwhelmed with shame and hung down his head. And liberated (fromslavery), he went to king Virata, and having saluted the monarch, tookhis departure.
Vaisampayana said,–“then, O king, Yudhishthira, having approached andworshipped his grandfather and his preceptor, addressed Bhishma and Dronaand Kripa and the son of Drona and Duryyodhana and Vivingsati, andsaid,–‘Help me ye all in the mater of this sacrifice. This largetreasure that is here is yours. Consult ye with one another and guide meas ye desire.
सत्यम शिवम और सुन्दरम जो सत्य है वह ब्रह्म है जो शिव है वह परम शुभ और पवित्र आतम तत्व है| शिव से ही धर्म अर्थ काम और मोक्ष है| सभी जगत शिव की ही शरण में हैं, जो शिव के प्रति शरणागत नहीं है वह प्राणी दुःख के गहरे गर्त में डूबता जाता है ऐसा पुराण कहते हैं| जाने-अनजाने शिव का अपमान करने वाले को प्रकृति कभी क्षमा नहीं करती है| शिव की भक्ति हेतु शिव का ध्यान-पूजन किया जाता है| शिवलिंग के विल्वपत्र चढ़ाकर शिवलिंग के समीम मंत्र जाप या ध्यान करने से मोक्ष का मार्ग पुष्ट होता है|
हिमालय पर्वत पर एक बड़ी पवित्र गुफा थी, जिसके समीप ही गंगा जी बह रहीं थीं| वहाँ का दृश्य बड़ा मनोरम तथा पवित्र था| देवर्षि नारद एक बार घूमते-घामते वहाँ पहुँचे तो आश्रम की पवित्रता देखकर उन्होंने वहीं तप करने की ठानी|